गरीबों की खाद्यान्न योजना को तवज्जो नहीं
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गरीबों की खाद्यान्न योजना को तवज्जो नहीं

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार देश के कुपोषण से प्रभावित 150 जिले में गरीबों को बेहद सस्ती दर पर 50 लाख टन खाद्यान्न बेचने के लिए केन्द्र द्वारा किए गए आवंटन को राज्यों ने कोई खास तवज्जो नहीं दिया है।

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार देश के कुपोषण से प्रभावित 150 जिले में गरीबों को बेहद सस्ती दर पर 50 लाख टन खाद्यान्न बेचने के लिए केन्द्र द्वारा किए गए आवंटन को राज्यों ने कोई खास तवज्जो नहीं दिया है।
खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गरीबी से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में एकमुश्त आपूर्ति के लिए दिए गए 50 लाख टन में से केवल दर्जन भर राज्यों ने 10 लाख टन का उठान किया है। कुपोषण के कारण हुई मौतों को लेकर चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष मई में केन्द्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह अपने भरे हुए गोदामों में से चावल और गेहूं का विशेष आवंटन करे। इस योजना का निरीक्षण न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति डीपी वाधवा समिति कर रही है।
राज्य सरकारों से कहा गया था कि वे ऐसे परिवारों को 4.15 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और 6.65 रुपये प्रति किलो की दर से चावल का वितरण करें। यह राशन उन लोगों को दिया जाना था जो गरीब हैं पर जिनके पास ‘गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार’ (बीपीएल) राशन कार्ड नहीं है। (एजेंसी)

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