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वाशिंगटन : एक प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और आईआईटी-खड़गपुर की पूर्व छात्रा ने अपने इस संस्थान में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का केंद्र स्थापित करने के लिए 10 लाख डॉलर देने का संकल्प किया है।
रूमा आचार्य देसरकर ने ह्यूस्टन स्थित तेल व गैस उद्योग में गैटी ऑयल एंड टैक्सेको और बेकर ह्यूजेस में काम किया है। उन्होंने भूमिगत तकनीक की खोज की और टेक्सास में निर्माण एवं पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में 50 लोगों को रोजगार दिया।
रूमा ने ह्यूस्टन में आयोजित आईआईटी 2013 वैश्विक सम्मेलन में अपने पति अशोक देसरकर के साथ 10 लाख डॉलर संस्थान के लिए देने का संकल्प किया।
5 से 8 दिसंबर के बीच आयोजित सम्मेलन के अध्यक्ष पार्थ सारथी चटर्जी ने कहा, ‘‘आईआईटी के छात्र दुनिया में बदलाव लाना चाहते हैं और वे अपने संस्थान को कुछ वापस भी लौटाना चाहते हैं।’’
चटर्जी ने कहा कि आईआईटी के पूर्व छात्रों का समूह पैन आईआईटी इंडिया ग्रामीण भारत में बच्चों के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित करने की योजना बना रहा है ताकि ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का फायदा उठाया जा सके। यह पाठ्यक्रम छठीं से बारहवीं कक्षा तक के स्तर का होगा। आईआईटी के दो अन्य छात्रों ने उद्यम योजना प्रतियोगिता के चुनिंदा विजेताओं को देने के लिए 10 हजार डॉलर तक के पुरस्कार की घोषणा की है।
इस सम्मेलन में लगभग 1600 वैश्विक नेता, उर्जा विशेषज्ञ, तकनीकी पेशेवर और इंजीनियर जुटे थे। सम्मेलन को नोबल पुरस्कार प्राप्त अमर्त्य सेन और पूर्व मेक्सिकन राष्ट्रपति विसेंट फॉक्स जैसे प्रतिष्ठित वक्ताओं ने संबोधित किया। इसके अलावा नासा के अपोलो 13 अभियान के उड़ान निदेशक जेन क्रैंज ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। (एजेंसी)