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नई दिल्ली : सरसंघ चालक मोहन भागवत की टिप्पणियों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि हिंदुत्व का मतलब हिंदूवाद नहीं बल्कि हिंदुत्व ही है।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य के मुताबिक, हिंदुत्व गंगा के प्रवाह की तरह है और संघ प्रमुख ने मुंबई में जो कहा था वह बात इससे पहले रविन्द्रनाथ टैगोर और एस राधाकृष्णन ने भी कही थी। मोहन भागवत ने मुंबई में विहिप के स्वर्ण जयंती समारोह भाषण के दौरान यही बात दोहरायी थी। उन्होंने हिंदुत्व को भारत की पहचान बताते हुए कहा कि हिंदुत्व का मतलब हिंदूवाद नहीं बल्कि हिंदुत्व ही है।
उन्होंने कहा कि भारत और हिंदुत्व उस तरह हैं जैसे गंगा खुद में यमुना और कई अन्य नदियों को समाहित करती है तथा सौहार्दपूर्ण स्वभाव की है और अभी भी गंगा के नाम से जानी जाती है । साथ ही यह प्राचीन काल से बहती चली आ रही है।
वैद्य ने कहा, यही बात पहले रविन्द्रनाथ टैगोर और एस राधाकृष्णन ने भी कही थी और उसी बात को मुंबई में विहिप के स्वर्ण जयंती समारोह में मोहन भागवत ने दोहराया है। विहिप के स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन के अवसर पर भागवत ने कथित तौर पर कहा था। हिन्दुस्तान एक हिन्दू राष्ट्र है...हिन्दुत्व हमारे राष्ट्र की पहचान है और यह अन्य :धर्मों को: को स्वयं में समाहित कर सकता है। हिंदुत्व पर आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों ने उनकी आलोचना की।
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने आरएसएस प्रमुख को ‘हिटलर’ करार देते हुए कहा कि संघ को राजनीति में धर्म का उपयोग कर भोलेभाले लोगों को ‘मूखर्’ बनाना बंद कर देना चाहिए। सपा ने संघ पर ‘नफरत और अलगाववाद’ की राजनीति करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि धर्म के नाम पर देश का ध्रुवीकरण करने का यह एक सुनियोजित प्रयास है।