पाक उच्चायुक्त अब्‍दुल बासित ने कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मुलाकात को उचित बताया
Advertisement

पाक उच्चायुक्त अब्‍दुल बासित ने कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मुलाकात को उचित बताया

भारत के विरोध से बेअसर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने यहां कश्मीरी अलगाववादियों के साथ अपनी मुलाकात को उचित करार देते हुए आज कहा कि सभी पक्षों के साथ संवाद कश्मीर मुद्दे के हल की पाकिस्तान की कोशिशों का एक अहम हिस्सा है। बासित ने कहा कि दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच की 25 अगस्त की वार्ता रद्द करने का भारत का कदम एक झटका है, लेकिन इससे दोनों पड़ोसियों को कश्मीर मुद्दा हल करने से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए।

पाक उच्चायुक्त अब्‍दुल बासित ने कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मुलाकात को उचित बताया

नई दिल्ली : भारत के विरोध से बेअसर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने यहां कश्मीरी अलगाववादियों के साथ अपनी मुलाकात को उचित करार देते हुए आज कहा कि सभी पक्षों के साथ संवाद कश्मीर मुद्दे के हल की पाकिस्तान की कोशिशों का एक अहम हिस्सा है। नियंत्रण रेखा पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं पर बासित ने कहा कि उनके देश के अनुसार पिछले साल जुलाई से ले कर अब तक भारतीय सैनिकों ने कथित रूप से 57  सीजफायर उल्लंघन किए जिसके लिए पाकिस्तान ने विरोध जताया था।

बासित ने कहा कि दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच की 25 अगस्त की वार्ता रद्द करने का भारत का कदम एक झटका है, लेकिन इससे दोनों पड़ोसियों को कश्मीर मुद्दा हल करने से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए।

पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने यहां ‘फॉरेन कारेस्पांडेंट्स क्लब’ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पिछले दो दिनों के दौरान कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के साथ अपनी मुलाकात को सही ठहराया और कहा कि उन्होंने अलगाववादी नेताओं के साथ बातचीत कर किसी प्रोटोकोल का उल्लंघन नहीं किया है।

बासित ने कहा, इस तरह का सिलसिला लंबे अर्से से चला आ रहा है। हम कश्मीरी नेताओं से मुलाकात करते हैं (कश्मीर) मुद्दे का शांतिपूर्ण हल ढूंढने के लिए सभी पक्षों के साथ संवाद करना जरूरी है।

भारत ने पाकिस्तान को साफ-साफ यह कहते हुए विदेश सचिवों के बीच की वार्ता रद्द कर दी थी कि वह या तो भारत-पाक वार्ता चुने या फिर कश्मीरी अलगाववादियों के साथ दोस्ती बढ़ाए। बासित ने रेखांकित किया कि पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहता है और विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द होने पर निराशावादी होने की कोई जरूरत नहीं है। दोनों देशों को आगे बढ़ना चाहिए।

पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, नाकामी हमें मायूस नहीं करे, सरहद के दोनों तरफ हमारे नेतृत्व की दृष्टि के अनुरूप प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के रास्ते और तौर-तरीके खोजने से हमें हतोत्साहित नहीं करे। अत:, हम इसके लिए ज्यादा से ज्यादा कोशिश करेंगे कि कैसे इस प्रक्रिया को आगे ले जाया जा सकता है। बासित ने कहा कि पाकिस्तान समझता है कि यह एक पेचीदा स्थिति है, लेकिन वह सकारात्मक है और समस्याओं के हल खोजने की राह में बाधाओं को आने की इजाजत नहीं देगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी नेताओं के साथ पिछले 20 साल से बातें कर रहा है और पिछले दो दिन में उनकी मुलाकातों का एकमात्र उद्देश्य कश्मीर मुद्दे का हल खोजना था।

बासित ने कहा, हम दृढ़तापूर्वक महसूस करते हैं कि हमारी मुलाकात खुद प्रक्रिया के लिए मददगार है। यह समस्या के शांतिपूर्ण हल के लिए मददगार है। तमाम पक्षकारों के साथ संवाद अहम है। अत: यह हमारे लिए अहम है। पाकिस्तानी उच्चायुक्त से जब भारत के इस रूख के बारे में पूछा गया कि पाकिस्तान या तो अलगाववादियों से बातें करे या उस से करे तो उन्होंने कहा, हमें तमाम पक्षकारों के साथ वार्ता करने की जरूरत है। जहां तक हमारा संबंध है यह इस से या उससे बात करने का नहीं है। हम शांतिपूर्ण रास्ते खोजने के लिए भारत से वार्ता कर रहे हैं। बासित ने कहा कि कश्मीर मुद्दा निरपेक्ष रूप से देखा जाना चाहिए और कहा कि कश्मीरी अलगाववादियों के साथ उनकी मुलाकात का मकसद मुद्दे का व्यवहार्य हल खोजने का था।

पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि इस्लामाबाद में भी भारतीय राजनयिक तमाम तरह के लोगों से मिलते हैं। उन्होंने कहा, हम भारत के साथ अपने रिश्तों को बहुत अहमियत देते हैं। पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने दक्षेस के बारे में कहा, अगर दक्षेस को जीवंत किया जाता है तो उसकी व्यापक सीमा है।
 
इस्लामाबाद में दोनों देशों के विदेश सचिवों की वार्ता से पहले बासित ने यहां सलाह-मश्विरा के लिए कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को आमंत्रित किया था। अतीत में भी पाकिस्तानी उच्चायुक्त भारत के साथ किसी प्रमुख कूटनीतिक पहल से पहले कश्मीर के अलगाववादियों से बातें करते रहे हैं।

बहरहाल, जब इस साल मई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शिरकत के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत आए तो पाकिस्तान ने यह प्रथा तोड़ दी। कश्मीरी अलगाववादियों से मुलाकात नहीं करने पर शरीफ को पाकिस्तान में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।

बासित से जब अगले माह संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर न्यूयार्क में मोदी और शरीफ के बीच किसी मुलाकात की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कयास लगाना गलत होगा।

 

Trending news