पांच दिन की यात्रा पर जापान पहुंचे पीएम मोदी
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पांच दिन की यात्रा पर जापान पहुंचे पीएम मोदी

भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर पहली द्विपक्षीय यात्रा पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान भारतीय समयानुसार आज दोपहर करीब 1.30 बजे ओसाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा जहां से वह अपनी जापान यात्रा के पहले चरण की शुरुआत करेंगे।

पांच दिन की यात्रा पर जापान पहुंचे पीएम मोदी

ज़ी मीडिया ब्यूरो/प्रवीण कुमार

तोक्यो/नई दिल्ली : भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर पहली द्विपक्षीय यात्रा पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान भारतीय समयानुसार आज दोपहर करीब 1.30 बजे ओसाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा जहां से वह अपनी जापान यात्रा के पहले चरण की शुरुआत करेंगे। करीब पांच मिनट तक एयरपोर्ट पर ठहरने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मोदी का काफिला क्योटो के लिए रवाना हो गया जहां जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे उनका इंतजार कर रहे हैं।

भारत में 100 स्मार्ट सिटी के निर्माण की अपनी परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए जापान के अनुभवों को देखने के लिए प्रधानमंत्री अपनी जापान यात्रा के पहले चरण में जापान की ‘स्मार्ट सिटी’ क्योटो की यात्रा कर रहे हैं। मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे के बीच एक सितंबर को तोक्यो में महत्वपूर्ण शिखर बैठक होगी। इस दौरान दोनों पक्ष सामरिक और वैश्विक भागीदारी को आगे बढ़ाने के उपायों पर गौर करेंगे।

मोदी का जापान से पुराना रिश्ता है। इससे पहले वह दो बार गुजरात के सीएम रहते जापान की यात्रा कर चुके हैं। 2007 और 2012 में जापानियों की मेहमानवाजी ने मोदी का दिल जीत लिया था। उस समय मोदी ने बुलेट ट्रेन सिस्टम को समझने की इच्छा जताई थी और जापानियों ने उन्हें खुशी-खुशी बुलेट ट्रेन की सैर कराई थी।

प्रधानमंत्री मोदी सीधे जापान की अध्यात्मिक नगरी क्योटो शहर पहुंचेंगे जहां जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे खुद नरेंद्र मोदी का स्वागत करेंगे। माना जा रहा है कि यहां मोदी भारत-जापान के बीच रिश्तों की एक नई परिभाषा लिखेंगे और विकास का नया पैमाना गढ़ेंगे। पांच दिन की इस यात्रा में मोदी पुरानी दोस्ती का रंग और गाढ़ा करेंगे। भारत के पास जमीन है और जापान के पास तकनीक। मोदी इन दोनों को जोड़कर आगे बढ़ने की अपनी सोच को अंजाम देने का हरसंभव प्रयास करेंगे।

प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर पहली बार रवाना हुए हैं। उनकी इस पहली द्विपक्षीय यात्रा के दौरान काफी लंबा-चौड़ा एजेंडा है। इस पांच दिवसीय यात्रा के दौरान ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री वाणिज्यिक संबंधों के रक्षा, असैन्य परमाणु और ढांचागत क्षेत्रों में सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों का एक नया अध्याय लिखेंगे। अपनी इस यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए मोदी ने जापान यात्रा की पूर्व संध्या पर कहा कि भारत के विकास और तरक्की के उनके दृष्टिकोण में जापान बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक दर्जन से अधिक भारतीय इस्पात, ऊर्जा और आईटी क्षेत्र के उद्योगपतियों की यात्रा से जापान और भारत दोनों को ही काफी कुछ हासिल करना है। दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे की पूरक हैं जहां जापान में संपन्नता और तकनीकी सामर्थ्य है, वहीं भारत में प्राकृतिक संसाधन और अपनी अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने की क्षमता है।

विश्लेषक मोदी की जापानी प्रधानमंत्री शिंझे एबे से मुलाकात को कुछ महत्वपूर्ण समझौतों के नजरिये से देख रहे हैं और परमाणु ऊर्जा उत्पादन प्रौद्योगिकी में सहयोग के क्षेत्र में लंबे समय से प्रतीक्षित करार की संभावना जता रहे हैं। लेकिन दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में मोदी को जापान और चीन दोनों के साथ बढ़ती साझेदारी को संतुलित करते हुए उनके देश के निवेश के माहौल को सुधारने का वायदा करना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ जापान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी के अलावा 15 अन्य प्रमुख उद्योगपति शामिल हैं। ये सभी उद्योगपति स्वयं के खर्चे पर जापान जा रहे हैं। एशिया उपमहाद्वीप के बाहर प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली बड़ी द्विपक्षीय यात्रा है। इस दौरान उद्योगपति एक सितंबर को इंडिया-जापान बिजनेस लीडर्स फोरम के बैनर तले होने वाली द्विपक्षीय बैठक में भी शिरकत करेंगे।

भारत फोर्ज के चेयरमैन बाबा कल्याणी इसकी सह-अध्यक्षता करेंगे। सूत्रों ने बताया कि मोदी के यात्रा के दौरान हो रही फोरम की बैठक को अहम माना जा रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल में सुनील भारती मित्तल, अजीम प्रेमजी, शशि रुइया, मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव, किरण मजूमदार शॉ, चंदा कोचर के अलावा ओएनजीसी के सीएमडी दिनेश के सर्राफ और ऑयल इंडिया के सीएमडी सुनील के श्रीवास्तव भी शामिल हैं।

 

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