वाराणसी सीट पर प्रचार में जुटे बिहार बीजेपी के नेता
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वाराणसी सीट पर प्रचार में जुटे बिहार बीजेपी के नेता

वाराणसी लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की बड़ी जीत सुनिश्चित करने में पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है और उसने वहां प्रचार कार्य में सी पी ठाकुर, रामकृपाल यादव जैसे बिहार के वरिष्ठ पार्टी नेताओं को लगाया है।

नई दिल्ली : वाराणसी लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की बड़ी जीत सुनिश्चित करने में पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है और उसने वहां प्रचार कार्य में सी पी ठाकुर, रामकृपाल यादव जैसे बिहार के वरिष्ठ पार्टी नेताओं को लगाया है।
सी पी ठाकुर ने कहा कि लोग मोदीजी को चाहते हैं, देश के विकास के लिए उन्हें प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं यहां का (वाराणसी) स्थानीय व्यक्ति नहीं हूं लेकिन अपनी बिरादरी के लोगों की भावनाओं को अच्छी तरह से समझता हूं । कांग्रेस के उम्मीदवार (अजय राय) ने जिस तरह से मुख्तार का समर्थन लेने का कदम उठाया, उससे लोगों का मन दुखा है। हम जहां जहां भी पहुंच रहे हैं, सब लोग यही सवाल कर रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस का पासा उल्टा पड़ गया है। कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में बने रहने के लिए नैतिकता और सिद्धांतों को तक पर रख दिया है। सी पी ठाकुर बिहार के भूमिहार नेता माने जाते हैं।
वाराणसी से आप उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल इस क्षेत्र के लिए एकदम नये हैं । इस सीट पर भाजपा को कोई चुनौती नहीं है। वाराणसी में प्रचार करने वालों में हाल ही में राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और पाटलीपुत्र सीट से भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव भी शामिल हैं।
रामकृपाल यादव ने कहा कि देश बदलाव चाहता है । लोग मजबूत प्रधानमंत्री चाहते हैं। राष्ट्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के लोग समझते हैं कि देश के लिए विकास कितना जरूरी है।
भाजपा ने कहा कि देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा वाराणसी आज समस्याओं के मकड़जाल में उलझा हुआ है । गलियों-सड़कों की बदहाली, यातायात की जटिल समस्या सिमटने की बजाए फैलती ही जा रही है। शहर की पहचान से जुड़े बनारसी साड़ियों के बुनकरों पर संकट, बिजली की समस्या, नया उद्योग नहीं आने से रोजगार का संकट जैसे मुद्दे लोगों की जुबान पर रहते हैं। (एजेंसी)

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