सरकार ने लोकसभा चुनावों पर खर्च किए 3426 करोड़
Advertisement

सरकार ने लोकसभा चुनावों पर खर्च किए 3426 करोड़

मौजूदा लोकसभा चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव साबित हुआ है जिसमें राष्ट्रीय खजाने से केंद्र सरकार ने 3426 करोड़ रूपए खर्च किए। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में सरकारी खजाने से जितनी धनराशि खर्च की गई उससे 131 फीसदी ज्यादा रूपए मौजूदा लोकसभा चुनाव में खर्च किए गए।

नई दिल्ली : मौजूदा लोकसभा चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव साबित हुआ है जिसमें राष्ट्रीय खजाने से केंद्र सरकार ने 3426 करोड़ रूपए खर्च किए। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में सरकारी खजाने से जितनी धनराशि खर्च की गई उससे 131 फीसदी ज्यादा रूपए मौजूदा लोकसभा चुनाव में खर्च किए गए। पांच साल पहले हुए लोकसभा चुनाव पर सरकारी खजाने से 1483 करोड़ रूपए खर्च किए गए थे। यह आधिकारिक खर्च 30,000 करोड़ रूपए के उस आंकड़े का हिस्सा है जिसके सरकार, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा नौ चरणों के चुनाव में खर्च किए जाने की संभावना जाहिर की गई थी।
चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता जागरूकता एवं मतदान प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में उसके प्रयासों पर हुए खर्च की वजह से आधिकारिक खर्च में बढ़ोत्तरी हुई। कई राजनीतिक दल चुनाव मैदान में उतरे हैं और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। जितने अधिक उम्मीदवार होंगे, चुनाव पर खर्च भी उतना ही अधिक होगा। मतदाता जागरूकता अभियान, चुनाव की तारीख से पहले वोटर स्लिप का वितरण, इन चुनावों में पहली दफा वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल के इस्तेमाल से भी खर्च में बढ़ोत्तरी हुई।
चुनाव आयोग के मुताबिक, 1952 में आम चुनाव कराने पर जितने रूपए खर्च हुए थे उससे 20 गुना ज्यादा धनराशि 2009 के चुनावों पर ही खर्च हो गई थी। साल 1952 में हर मतदाता पर 60 पैसे खर्च हुए थे जबकि 2009 में हर मतदाता पर 12 रूपए का खर्च हुआ। साल 1952 के आम चुनावों में सरकार ने कुल 10.45 करोड़ रूपए खर्च किए जबकि 2009 के चुनावों में कुल 1483 करोड़ रूपए सरकार की तरफ से खर्च किए गए। साल 2004 के आम चुनाव कराने में सरकारी खजाने पर 1,114 करोड़ रूपए का बोझ पड़ा।
(एजेंसी)

Trending news