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नई दिल्ली : भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी आरएमवी गुरू साइदत्त ने आज कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में मिले कांस्य पदक से उनका आत्मविश्वास लौटा है क्योंकि मैच से पहले वह फिटनेस समस्याओं से जूझ रहे थे। गुरू को लगातार तीन लंबे मुकाबले खेलने पड़े और उसने कहा कि राजीव ओसेफ के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले से पहले वह तनाव में था लेकिन उसने किसी अपेक्षा के बिना खेलने का फैसला किया।
उसने कहा,यह करीबी मुकाबला था। वहां हालात काफी धीमे थे और मुझे कई रैलियां खेलनी पड़ी । मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। उसने कहा, यह काफी थकाउ था क्योकि शुक्रवार की रात मैने शीर्ष वरीयता प्राप्त चेंग वेई फेंग से मैच खेलना था। फिर सुबह डेरेक वोंग से मुकाबला था और कुछ घंटे में कांस्य पदक का मुकाबला हुआ।
गुरू ने कहा, जब मैं खेल रहा था तो मेरे दिमाग में कई सवाल थे मसलन क्या मैं पूरा मैच खेल सकूंगा। मुझे पता था कि यह भी लंबा मैच होगा और मैं काफी तनाव में था। मेरी टांगो में दर्द हो रहा था लेकिन गोपी सर ने लगातार मेरी हौसलाअफजाई की। मुझे खुशी है कि मैं जीत सका।
उसने कहा, फाइनल्स में नहीं पहुंच पाना निराशाजनक था लेकिन इस पदक से मेरा आत्मविश्वास बढा है। इस तरह के पदक से सब कुछ बदल जाता है। हमने कश्यप के मामले में ऐसा देखा है। यह लाइफटाइम अचीवमेंट है । उम्मीद है कि मैं आगे भी अच्छा खेलता रहूंगा।