पढ़िए: सोनिया-राजनाथ के नाम केजरीवाल की चिट्ठी
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पढ़िए: सोनिया-राजनाथ के नाम केजरीवाल की चिट्ठी

दिल्ली में सरकार गठन के दबाव के बीच आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने नई चाल चल दी है। केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के अध्यक्ष राजनाथ सिंह और सोनिया गांधी को 18 मुद्दों पर राय मांगी है।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली में सरकार गठन के दबाव के बीच आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने नई चाल चल दी है। केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के अध्यक्ष राजनाथ सिंह और सोनिया गांधी से 18 मुद्दों पर सवाल किए हैं। इन मुद्दों पर दोनों पार्टियों का जवाब जानने के बाद ही आम आदमी पार्टी तय करेगी की उसे कांग्रेस से बिना शर्त और भाजपा से रचनात्मक समर्थन लेकर सरकार बनानी चाहिए या नहीं। पत्र में वो 18 मुद्दे निम्न प्रकार से हैं--
मुद्दा नं.-1 : दिल्ली सरकार का कोई भी विधायक, मंत्री या अफसर लालबत्ती की गाड़ी नहीं लेगा, बड़े बंगले में नहीं रहेगा और अपने लिए विशेष सिक्योरिटी नहीं लेगा। हर नेता और अफसर आम आदमी की तरह रहेगा। दिल्ली में विधायक और पार्षद फंड बंद किया जाए। यह पैसा सीधे मोहल्ला सभाओं को दिया जाए ताकि जनता तय करे कि सरकारी पैसा उनके इलाके में कहां और कैसे खर्च होगा। क्या कांग्रेस पार्टी और भाजपा इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-2 : भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख़्त जनलोकपाल बिल पास होना चाहिए। अगस्त 2011 में अन्ना जी के 13 दिन के अनशन के बाद संसद में बैठकर सभी पार्टियों ने प्रस्ताव पारित किया था और अन्ना जी से अपील की थी कि अन्ना जी अपना अनशन समाप्त कर दें और संसद को अन्ना जी की तीनों शर्तें मंजूर है। प्रधनमंत्री ने भी अन्ना जी को चिट्ठी लिखकर यही बातें कही थी। आज दो साल हो गए। संसद के उस प्रस्ताव का और प्रधनमंत्री की उस चिट्ठी का क्या हुआ? आम आदमी पार्टी उसी जनलोकपाल बिल को दिल्ली के लिए पारित करना चाहेगी। जाहिर है कि यह कानून बनने के बाद 15 वर्ष के कांग्रेस शासनकाल में हुए घोटालों की भी जांच की जाएगी। बीजेपी के दिल्ली नगर निगम में सात वर्षों में किए गए घोटालों की भी जांच की जाएगी। आपकी पार्टी के समर्थन का यह मतलब कतई नहीं होना चाहिए कि यदि आपके किसी भी नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई भी सबूत मिलता है तो उसे किसी भी प्रकार की रियायत दी जाएगी। हम दिल्ली के लिए जनलोकपाल बिल रामलीला मैदान में दिल्ली विधानसभा का स्पेशल सत्र बुलाकर पारित करना चाहेंगे। क्या यह हो सकता है? हां, बिल्कुल हो सकता है। इस बारे में हमने कानून के बड़े-बड़े विद्वानों से भी राय ले ली है। उसकी चिंता आप बिल्कुल न करें। जब आपकी पार्टी ने केंद्र में जनलोकपाल बिल पास नहीं होने दिया तो क्या आपकी पार्टी बिना शर्त दिल्ली में जनलोकपाल बिल पारित करने और उसे लागू करवाने में समर्थन देगी?
मुद्दा नं.-3 : अपने-अपने मोहल्ले, कालोनी और गलियों के बारे में निर्णय लेने के अधिकार सीधे जनता को दिए जाएं। अधिक से अधिक निर्णय मोहल्ला सभाओं के जरिए सीधे जनता ले और सरकार उन निर्णयों का पालन करें। ऐसी व्यवस्था लागू करने के लिए आम आदमी पार्टी स्वराज का कानून लाना चाहेगी। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-4 : आम आदमी पार्टी की सरकार केंद्र सरकार से यह मांग करेगी कि दिल्ली को भारतीय संघ के अन्य राज्यों के समान दर्जा मिले। डीडीए और पुलिस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण खत्म हो। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-5 : कई ऐसे तथ्य जनता के बीच में आए हैं जो यह शक पैदा करते हैं कि बिजली कंपनियों ने अपने बहीखातों में भारी गड़बड़ कर रखा है। ऐसा भी माना जा रहा है कि दिल्ली में बिजली के निजीकरण में भारी घोटाला हुआ। इन कंपनियों का ऑडिट करवाए बिना हर साल बिजली के दाम बढ़ा दिए जाते हैं। आम आदमी पार्टी इन बिजली कंपनियों का निजीकरण से लेकर आजतक का स्पेशल ऑडिट करवाना चाहती है। जो कंपनी ऑडिट करवाने से मना करेगी, उसका लाइसेंस कैंसिल किया जाएगा। ऑडिट के नतीजे जनता के सामने रखे जाएंगे और उसी आधर पर दिल्ली में बिजली की दरों का निर्धारण किया जाएगा। दिल्ली में बिजली के बिल आधे किए जाएंगे। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-6 : कई लोगों को शक है कि दिल्ली में बिजली के मीटर तेज चल रहे हैं। इन मीटरों की किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच करायी जानी चाहिए। अगर ये मीटर तेज चलते पाए जाते हैं तो जब से ये मीटर लगाए गए हैं, तब से लेकर आज तक जितना अधिक पैसा बिजली कंपनियों ने वसूला है, वह उनसे वापस लिया जाए और मीटर बदले जाएं। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-7 : आज दिल्ली की आधी से ज़्यादा आबादी के घरों में पानी नहीं आता। क्यों? क्या दिल्ली में पानी की कमी है? दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 220 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी उपलब्ध है। अगर इतना पानी वाकई उपलब्ध है तो यह पानी जाता कहां है? क्योंकि ये पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंच रहा। ऐसा देखने में आया कि दिल्ली में पानी का एक बहुत बड़ा माफिया काम कर रहा है, जिसे सीधे अथवा परोक्ष रूप से बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के कुछ नेताओं का राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। ऐसे माफिया और उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली में पानी की चोरी रोकी जाएगी और यह पानी लोगों के घरों में पहुंचाया जाएगा। दिल्ली जल बोर्ड आज भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। इसका पुनर्गठन किया जाएगा। दिल्ली जल बोर्ड ने बिना टैंडर निकाले, कुछ कंपनियों को गलत फायदा पहुंचाने के लिए कुछ ठेके दिए हैं। पहली नज़र में ऐसा प्रतीत होता है कि इनमें से कुछ ठेकों से जनता का लाभ नहीं होने वाला। ऐसे सभी ठेकों की पुनर्समीक्षा की जाएगी। किसी भी जिम्मेदार सरकार का पहला फर्ज है कि वो साफ पानी मुहैया करा सके। पिछले सात साल में दिल्ली में पानी के दाम 18 गुणा बढ़ा दिए गए। हमारा प्रश्न है कि अगर एक गरीब आदमी पानी का बिल न भर सके तो क्या उसे पानी पीने का अधिकार नहीं होना चाहिए? आम आदमी पार्टी हर घर तक 700 लीटर साफ पानी प्रतिदिन मुफ्त पहुंचाना चाहती है। जो लोग 700 लीटर से ज़्यादा पानी इस्तेमाल करेंगे उनसे पूरे पानी के पैसे लिए जाएंगे। उस कानून को रद्द किया जाएगा जिसके तहत हर साल पानी के दाम बढ़ाने का प्रावधान है। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-8 : दिल्ली की 30 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी अनधिकृत कालोनियों में रहती है। चूंकि ये कालोनियां अनियमित हैं, इनमें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं और यहां पर रहने वाले लोग जानवरों सी जि़ंदगी व्यतीत कर रहे हैं। इन लोगों के साथ अभी तक केवल गंदी राजनीति की गई है। पिछले चुनाव के पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने के एक साल के अंदर इन्हें नियमित कर दिया जाएगा। लेकिन पांच साल में भी सरकार ने कुछ नहीं किया। आम आदमी
पार्टी चाहती है कि इन कालोनियों को एक वर्ष के अंदर नियमित करके इनमें तुरंत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-9 : दिल्ली का एक तिहाई हिस्सा दिल्ली की झुग्गी-बस्तियों में रहता है। ये लोग दिल्ली वालों के लिए सभी मूलभूत सेवाएं प्रदान करते हैं। इनकी सेवाओं के बिना दिल्ली एक दिन भी नहीं चल सकती। लेकिन ये बेचारे इतना कम कमाते हैं कि झुग्गी-बस्तियों में रहने को मजबूर हैं। झुग्गी-बस्तियों में लोग जानवरों सी जिंदगी जीते हैं। कोई भी अपनी मर्जी से झुग्गियों में रहना नहीं चाहता। ये लोग भी आज तक गंदी राजनीति और भ्रष्टाचार का शिकार रहे। कई इलाकों में यह कहकर झुग्गियां तोड़ दी गईं कि उन्हें पक्के मकान या प्लॉट दिए जाएंगे। लेकिन आज तक उन्हें कुछ नहीं दिया गया। उनके नाम के प्लॉटों पर नेताओं के साथ मिलकर भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया। आम आदमी पार्टी चाहती है कि झुग्गियों में रहने वालों को साफ-सुथरी और ईमानदार जिंदगी दी जाए। उन्हें आसान शर्तों पर पक्के मकान दिए जाएं। जब तक पक्के मकान नहीं दिए जाते उनकी झुग्गियों को तोड़ा न जाए और वहीं पर उनके लिए साफ-सफाई और शौचालयों की व्यवस्था की जाए। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-10 : दिल्ली में पिछले 10 से 15 वर्षों में ठेकेदारी पर कर्मचारियों के रखने की प्रथा बड़ी तेजी से बढ़ी है। नियमित एवं स्थायी किस्म के कार्यों के लिए भी कर्मचारियों को ठेकेदारी पर रखा गया है। जैसे आज दिल्ली सरकार में सफाई कर्मचारी, अध्यापकों, नर्सों, डॉक्टरों आदि को भी ठेकेदारी पर रखा जा रहा है। ठेकेदार इन लोगों का तरह-तरह से शोषण करता है। आम आदमी पार्टी स्थायी और नियमित कार्यों में ठेकेदारी प्रथा बंद करके सभी लोगों को नियमित करना चाहती है और इनका शोषण बंद करना चाहती है। क्या आपकी पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-11 : आज दिल्ली का एक सामान्य व्यापारी एवं उद्योगपति भी त्रास्त है। जानबूझकर ऐसी-ऐसी नीतियां बनाई जाती हैं कि व्यापारी रिश्वत लेने के लिए मजबूर हो जाता है। इतनी मेहनत करने के बाद भी व्यापारी सर ऊंचा करके ईमानदारी और सम्मान की जिंदगी नहीं जी सकता। किसी भी विभाग का एक अदना-सा इंस्पेक्टर अच्छे-अच्छे व्यापारियों और उद्योगपतियों को धमका कर चला जाता है। आज दिल्ली में वैट इतना जटिल बना दिया गया है कि एक आम व्यापारी का बिना रिश्वत दिए काम ही नहीं चलता। वैट की दरें ऐसी कर दी हैं कि दिल्ली का अधिकतर व्यापार दिल्ली से उठकर दूसरे राज्य में चला गया है। आम आदमी पार्टी दिल्ली में व्यापार और उद्योग करने के लिए एक ईमानदार व्यवस्था चाहती है। ऐसे सभी कानूनों और नीतियों की पुनर्समीक्षा की जाएगी, जो दिल्ली में व्यापार और उद्योग करने में बाध बनते हैं। वैट का सरलीकरण किया जाएगा। वैट की दरों की पुनर्समीक्षा की जाएगी ताकि दिल्ली फिर से होल सेल व्यापार का केन्द्र बन सके। आज दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों का बुरा हाल है। वहां सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। आम आदमी पार्टी इन क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराकर उद्योग को बढ़ावा देना चाहती है। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-12 : आम आदमी पार्टी दिल्ली में किराना में एफ.डी.आई. लाने के खिलाफ है। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-13 : इस वर्ष जनवरी में दिल्ली में ओले पड़े। कुछ पत्रकारों ने जब दिल्ली की मुख्यमंत्री से पूछा कि दिल्ली में खेती को कितना नुकसान हुआ? तो मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जी ने कहा कि दिल्ली में कोई खेती नहीं होती। यह बड़े दुख और आश्चर्य की बात है कि 15 वर्षों तक दिल्ली में राज करने के बाद भी दिल्ली की मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि दिल्ली में 360 गांव हैं और उनमें आज भी खेती होती है। गांव में रहने वालों की जमीनें बिना उनकी मर्जी के सस्ते दामों में छीनकर बड़े-बड़े बिल्डरों को दे दी जाती हैं। आम आदमी पार्टी दिल्ली के किसानों को वो सभी सुविधएं और सब्सिडी देना चाहती है जो दूसरे राज्यों के किसानों को उपलब्ध हैं। ग्रामसभा की मंजूरी के बिना किसी भी गांव की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। दिल्ली में लालडोरा का विस्तार किया जाएगा। दिल्ली में सभी गांवों को मूलभूत सुविधाएं जैसे- स्कूल, अस्पताल, स्टेडियम, बस सेवा इत्यादि उपलब्ध कराई जाए। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-14 : दिल्ली में लगभग तीन हज़ार सरकारी स्कूल हैं। इनमें 1800 नगर निगम के स्कूल हैं, जिनका बीजेपी ने बेड़ा-गर्क कर दिया और 1200 दिल्ली सरकार के स्कूल हैं, जो कांग्रेस की वजह से बुरी हालत में है। इन स्कूलों में लगभग बीस लाख बच्चे पढ़ते हैं। जिनका भविष्य बर्बाद है। दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल वाले मनमाने तरीके से फीस बढ़ाते जा रहे हैं और दो नंबर में डोनेशन लेते हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? क्योंकि दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधायकों के खुद के कई स्कूल चल रहे हैं। इसलिए जानबूझकर सरकारी स्कूलों का बंटाधर किया जा रहा है ताकि लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने को मजबूर हों। प्राइवेट स्कूलों की फीस पर कोई लगाम नहीं लगाई जाती क्योंकि इनमें कई तो विधायकों के अपने स्कूल हैं। आम आदमी पार्टी सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर करना चाहती है। दिल्ली में 500 से भी अधिक नये सरकारी स्कूल खोले जाएंगे। प्राइवेट स्कूलों में डोनेशन का सिस्टम बंद किया जाएगा। प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-15 : दिल्ली में सरकारी अस्पताल की भारी कमी है और जितने अस्पताल हैं भी उनका बुरा हाल है। दिल्ली में नए सरकारी अस्पताल खोले जाएंगे और सरकारी अस्पताल में प्राइवेट अस्पतालों से भी बेहतर इलाज का प्रबंध किया जाएगा। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-16 : दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्पेशल सुरक्षा दल बनाया जाएगा। दिल्ली में इतनी नई अदालतें बनाई जाए और जज नियुक्त किए जाए ताकि महिलाओं के साथ उत्पीड़न के किसी भी मामले में तीन से छह महीने के अंदर सज़ा हो और सख़्त से सख़्त सज़ा हो। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-17 : दिल्ली में इतनी नई अदालतें खोली जाएं और इतने नए जजों की नियुक्ति की जाए ताकि कोई भी मामला छह महीने से एक साल के अंदर निपटाया जा सके। न्याय व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ भी सख़्त कदम उठाए जाए। क्या आपकी पार्टी इस प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-18 : उपर्युक्त प्रस्ताव में दिए गए कई मुद्दे ऐसे हैं जिनमें केंद्र सरकार और दिल्ली नगर निगम की जरूरत पड़ेगी। हम कांग्रेस से जानना चाहते हैं कि क्या आपकी पार्टी का समर्थन दिल्ली विधानसभा में आठ विधायकों तक ही सीमित रहेगा या आप दिल्ली की जनता के इन मुद्दों का समाधान निकलवाने के लिए केंद्र सरकार पर भी दबाव डालेंगी? वहीं राजनाथ सिंह को लिखी चिट्ठी में केजरीवाल ने कहा है कि उपर्युक्त कई मुद्दों को क्रियान्वित करने के लिए दिल्ली नगर निगम के सहयोग की जरूरत पड़ेगी। चूंकि दिल्ली नगर निगम में भाजपा का राज है तो क्या आपकी पार्टी आप को सहयोग करेंगी?

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