प्रणब पर जदयू-भाजपा के बीच और बढ़ा टकराव
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प्रणब पर जदयू-भाजपा के बीच और बढ़ा टकराव

लोकसभा चुनाव 2014 के लिए प्रधानमंत्री पद के सेकुलर उम्मीदवार संबंधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद बिहार राजग में जदयू और भाजपा के बीच तल्ख बयानबाजी का सिलसिला आज भी जारी रहा और इस विवाद की आंच राष्ट्रपति चुनावों के मुद्दे तक भी पहुंची।

पटना : लोकसभा चुनाव 2014 के लिए प्रधानमंत्री पद के सेकुलर उम्मीदवार संबंधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद बिहार राजग में जदयू और भाजपा के बीच तल्ख बयानबाजी का सिलसिला आज भी जारी रहा और इस विवाद की आंच राष्ट्रपति चुनावों के मुद्दे तक भी पहुंची।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सेकुलर प्रधानमंत्री के उम्मीदवार का उठा विवाद दुर्भाग्यपूर्ण और निर्थक है। भाजपा की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जदयू को राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी पर समर्थन करने के अपने फैसले पर विचार करना चाहिए।
जनता दल यूनाइटेड और शिवसेना के अलग राह पर चले जाने से भाजपा पीए संगमा के समर्थन के लिए तृणमूल कांग्रेस तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है जो 19 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में ‘अंतरात्मा’ की आवाज पर मत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं । हालांकि इस चुनाव में प्रणव मुखर्जी स्पष्ट विजेता नजर आते हैं। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजग के बंट जाने के एक दिन बाद भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने जनता दल यूनाइटेड और शिवसेना से अपील की कि वे संगमा का समर्थन करें।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि हम जनता दल (यू) और शिवसेना से अपील करते हैं कि वे राष्ट्रपति चुनाव में मुखर्जी के समर्थन के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और इसकी जगह शीर्ष संवैधानिक पद के लिए चुनाव में राजग उम्मीदवार पीए संगमा का समर्थन करें। जनता दल (यू) के नेता शिवानंद तिवारी ने तुरंत जवाबी अपील की।
उधर, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने भाजपा को ठीक इसके उलट जवाब दिया और कहा कि भाजपा को पीए संगमा को समर्थन देने के अपने निर्णय पर विचार करना चाहिए। भाजपा जदयू को सीख नहीं दें। उन्होंने कहा कि हम भी भाजपा से अपील करते हैं कि वह प्रणब मुखर्जी जैसे अनुभवी राजनीतिज्ञ का समर्थन करे, ताकि प्रतिभासंपन्न और संविधान तथा संसदीय लोकतंत्र के प्रति कटिबद्ध व्यक्ति को राष्ट्रपति की कुर्सी मिले। तिवारी ने प्रसाद के इस तर्क पर भी आपत्ति जताई कि मुखर्जी उन समस्याओं के लिए जिम्मेदार हैं जिनका सामना देश की अर्थव्यवस्था को करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि महंगाई और देश की खराब आर्थिक हालात के लिए पूरी तरह प्रणब मुखर्जी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में आई मंदी के कारण भारत में महंगाई बढी है और देश का निर्यात घटा है। महंगाई को लेकर शिवानंद तिवारी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तिवारी को याद रखना चाहिए उनके सहयोगी भी राजग में कभी मंत्री थे। राजग सरकार ने उस समय महंगाई पर काबू रखा था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने संप्रग सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और सुशासन देने में विफलता पर हमेशा से सवालिया निशान लगाया है।
वहीं जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए उन्हें कहा कि भाजपा को अपने रास्ते अलग कर लेने चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी ठाकुर दिन में तारे देख रहे हैं। भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर है। उन्होंने कहा कि जदयू से अलग होकर भाजपा को आटा दाल का भाव मालूम चल जाएगा। (एजेंसी)

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