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मुंबई: राष्ट्रपति पद के लिये प्रणब मुखर्जी को सही उम्मीदवार बताते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दल शिव सेना ने उनके लिए आम सहमति से समर्थन की मांग की है।
शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कहा कि जो हुआ सो हुआ। अब हमें प्रणव मुखर्जी को आम.सहमति से समर्थन देना चाहिए और दुनिया को दिखाना चाहिए कि हम सब एक हैं।
ठाकरे ने कहा कि राष्ट्रपति के शीर्ष पद पर विवाद जायज नहीं है। राजनीतिक फायदों के लिए देश की प्रतिष्ठा दांव पर है। जो योग्य नहीं हैं, वे भी दौड़ में हैं।शिव सेना प्रमुख ने पीछे से हमला करने के अपनी पार्टी पर लग रहे आरोपों को भी खारिज कर दिया।
पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक बयान में बाल ठाकरे ने कहा कि किसी को शिव सेना पर विश्वासघात तथा पीछे से हमला करने के आरोप लगाने का साहस नहीं करना चाहिए।
ठाकरे ने सामना में एक संपादकीय में लिखा कि शिव सेना मुंबई और ठाणे की सीमाओं को पार कर चुकी है और देश के राष्ट्रपति का फैसला करने की स्थिति में है। पार्टी आज 46वां स्थापना दिवस मना रही है।
इससे पहले शिव सेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कल रात कहा था कि राष्ट्रपति चुनावों में उनकी पार्टी प्रणव का समर्थन करेगी। सूत्रों के मुताबिक प्रणव ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे और उनके बेटे उद्धव ठाकरे से कल फोन पर बात कर समर्थन मांगा था जिस पर उन्हें यह आश्वासन दिया गया। शिवसेना ने 2007 में भाजपा से अलग जाकर प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति के रूप में समर्थन दिया था, जो महाराष्ट्र मूल की हैं। उस समय भाजपा और राजग के अन्य सहयोगियों ने भैरों सिंह शेखावत का समर्थन किया था। (एजेंसी)