भारत से सीमा विवाद के बीच शी जिनपिंग ने चीनी आर्मी को कहा, 'सरकार के फैसलों का पालन करें'
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भारत से सीमा विवाद के बीच शी जिनपिंग ने चीनी आर्मी को कहा, 'सरकार के फैसलों का पालन करें'

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के शीर्ष अधिकारियों से पूर्ण निष्ठा की उम्मीद करते हुए उन्हें सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में सुदृढ़ विश्वास बनाए रखने और केन्द्रीय नेतृत्व के सभी फैसलों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा।

भारत से सीमा विवाद के बीच शी जिनपिंग ने चीनी आर्मी को कहा, 'सरकार के फैसलों का पालन करें'

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के शीर्ष अधिकारियों से पूर्ण निष्ठा की उम्मीद करते हुए उन्हें सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में सुदृढ़ विश्वास बनाए रखने और केन्द्रीय नेतृत्व के सभी फैसलों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा।

सेन्ट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के अध्यक्ष और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के महासचिव शी ने कहा, पीएलए बलों के मुख्यालयों की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के प्रति पूर्ण निष्ठा और उसमें सुदृढ़ विश्वास होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केन्द्रीय नेतृत्व के सभी फैसलों का पूरी तरह कार्यान्वयन हो।

सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ की खबर के अनुसार, पिछले सप्ताह भारत की तीन दिवसीय यात्रा से लौटे शी का कहना है, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी बलों के सभी मुख्यालयों को युद्ध के लिए अपनी तैयारी में सुधार करना चाहिए और सूचना एवं प्रौद्योगिकी के दौर में क्षेत्रीय युद्ध जीतने की अपनी क्षमता में दक्षता बढ़ानी चाहिए। आधिकारिक बयान के अनुसार, सभी पीएलए बलों को राष्ट्रपति शी के निर्देशों का पालन करना चाहिए और सीएमसी द्वारा तय किए गए नए लक्ष्यों और मिशन को प्राप्त करने हेतु अपने अभियानों में सुधार करना चाहिए। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि पूर्ण निष्ठा और कमान का सुचारू कार्यान्वयन हेतु आदेशों के पालन पर इतना जोर क्यों दिया जा रहा है।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ओर से ये निर्देश ऐसे वक्त में आए हैं जब लद्दाख क्षेत्र के चुमार इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीएलए और भारतीय सेना के बीच गतिरोध चल रहा है। इस गतिरोध में कल एक नया मोड़ आया जब पीएलए ने भारतीय सीमा के भीतर सात तंबू लगा दिए और वहां से हटने का भी कोई संकेत नजर नहीं आ रहा है।

सत्ता संभालने के पहले ही दिन से राष्ट्रपति पद, सीपीसी और सेना तीनों का ही अधिकार मिलने के कारण 61 वर्षीय शी ने पूर्व राष्ट्रपति देंग शाओपिंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता की छवि अख्तियार कर ली है। देंग, माओ के बाद देश के राष्ट्रपति बने थे। शी के पूर्ववर्ती हू जिन्ताओ को तीनों अधिकार एक साथ प्राप्त नहीं हुए थे। सत्ता संभालने के बाद से ही शी ने सेना के पदों में बदलाव करते हुए अपने प्रति वफादार जनरलों को शीर्ष पदों पर नियुक्त किया है और पीएलए के कुछ जनरलों को हटाया है तथा भ्रष्टाचार के आरोप में उनपर मुकदमा भी चलाया है।

पीएलए प्रमुख जनरल फैंग फेंगुई ने कल एक बयान में कहा था कि पीएलए के सभी बल सीएमसी के अध्यक्ष राष्ट्रपति शी के निर्देशों का पालन करते हैं। सीएमसी चीन की सेना का आला कमान है। फैंग ने कहा था कि बलों को सीएमसी द्वारा तय किए गए नए लक्ष्यों और मिशन को पाने के लिए अपने अभियानों में सुधार करना चाहिए। इसबीच ‘पीएलए चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने बीजिंग में बैठक कर नयी परिस्थितियों में सेना की दक्षता बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। फैंग भी इस बैठक में शामिल हुए।

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