21वीं सदी एशिया की होगी, भारत लाभ की स्थिति में होगा: मोदी
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21वीं सदी एशिया की होगी, भारत लाभ की स्थिति में होगा: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया में कुछ लोग मानते हैं कि 21वीं सदी चीन की होगी तो कुछ मानते हैं कि भारत की होगी लेकिन ऐसा कहते हुए दोनों पक्ष इस बात को स्वीकार करते हैं कि 21वीं सदी एशिया की होगी।

न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया में कुछ लोग मानते हैं कि 21वीं सदी चीन की होगी तो कुछ मानते हैं कि भारत की होगी लेकिन ऐसा कहते हुए दोनों पक्ष इस बात को स्वीकार करते हैं कि 21वीं सदी एशिया की होगी।

मोदी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘इस बात में अब दो राय नहीं है कि 21वीं सदी एशिया की होगी। कुछ का मानना है कि यह भारत की होगी और कुछ का कहना है कि चीन की होगी।’ उन्होंने कहा, लेकिन दोनों बातों से यह बात उभरकर सामने आ ही गयी है कि 21वीं सदी एशिया की होगी।

प्रधानमंत्री के अनुसार उसमें हिंदुस्तान लाभ की स्थिति में है क्योंकि जो तीन चीजें एक साथ उसके पास हैं, वे अभी चीन समेत किसी देश के पास नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये तीन चीजें हैं- लोकतंत्र, मांग और आबादी का स्वरूप। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। दूसरी बात यह है कि यहां 65 फीसदी आबादी 35 साल की आयु से कम की है और तीसरी बड़ी बात यह कि यह 125 करोड़ की आबादी वाला देश है। मोदी ने कहा कि इतनी संभावनाओं वाला दूसरा देश और कोई नहीं है। और इसलिए उन्हें विश्वास है कि भारत अपने सामर्थ्य से खड़ा होगा और विश्व के सामने आएगा।

 

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