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नई दिल्ली : इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक यासीन भटकल 9/11 को अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमले के बाद अफगानिस्तान में नाटो बलों से मुकाबला करना चाहता था। 9/11 के हमले के बाद जब अमेरिका ने तालिबान के खिलाफ अभियान छेड़ा था तो उस समय 18 साल का भटकल अफगानिस्तान में नाटो बलों के खिलाफ लड़ना चाहता था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘अफगानिस्तान पर अमेरिका के हमले के बाद वह वहां जाकर अमेरिकी गठबंधन बलों का मुकाबला करना चाहता था।’ छद्म बम हमलावर के रूप में जाना जाने वाला भटकल कई देशों में पांच सालों तक भागने फिरने के बाद बीते गुरूवार को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था।
देशभर में विभिन्न आतंकवादी हमलों की जांच में अपने करियर का लंबा समय लगाने वाले इस अधिकारी ने बताया कि भटकल ‘बहुत अधिक महत्वाकांक्षी’ है और उसके ऊपर जुनून सवार था। उसने वर्ष 2011 में बाहरी दिल्ली के नांगलोई इलाके में एक हथियार बनाने की फैक्ट्री भी लगायी थी।
अधिकारी ने बताया, ‘वह दिल्ली में राकेट लांचर और एलएमजी (लाइट मशीनगन) बनाना चाहता था। यह इस बात का सबूत है कि वह कितना महत्वाकांक्षी है।’ दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने नवंबर 2011 में बाहरी दिल्ली के नांगलोई इलाके के मीर विहार में एक गैर कानूनी हथियार फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था।
अधिकारी ने बताया, ‘यह हथियार फैक्ट्री अपने आप में अनूठी किस्म की थी क्योंकि इसमें न केवल पारंपरिक हथियारों के निर्माण की क्षमता रखने वाले उपकरण और मशीनरी थी बल्कि इसमें उनमें इस्तेमाल होने वाला गोला बारूद भी बनाया जा सकता था और साथ ही एलएमजी तथा राकेट लांचर का निर्माण किया जा सकता था।’ इस मामले में 22 नवंबर 2011 को भटकल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी और बाद में फैक्ट्री बनाने को लेकर उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।
अधिकारी ने इन बातों को भी गलत बताया कि अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी और उससे हुई पूछताछ के आधार पर भटकल की गिरफ्तारी हुई है जो देशभर में कई आतंकवादी हमलों में संदिग्ध है। उन्होंने कहा, ‘दोनों अलग अलग मामले हैं और दोनों को आपस में नहीं जोड़ा जा सकता।’ (एजेंसी)