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ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : इंडियन मुजाहिदीन का सह-संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी को लेकर सियासत जोर पकड़ रही है। एक तरफ जहां सपा नेता कमाल फारूकी ने भटकल को आतंकवादी कहने पर आपत्ति जताई है वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि आतंकवादी बिहार से ही क्यों पकड़े जाते हैं। राज का बयान भी कमाल फारूकी से जुदा नहीं है। फर्क सिर्फ इतना है फारूकी की नजर मुस्लिम वोटों पर है, तो राज ठाकरे की नजर मराठी वोटों पर। उधर, बिहार में भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए भटकल पर मुख्यमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता कमाल फारूकी ने भटकल की गिरफ्तारी पर सवाल दागे हैं। उन्होंने शुक्रवार को सवाल किया कि भटकल की गिरफ्तारी आपराधिक मामलों के लिहाज से की गई है या धार्मिक आधार पर। फारूकी ने कहा, `अगर वह आतंकवादी है तो उसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए, लेकिन अगर उसे सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया है क्योंकि वह मुसलमान है, तब हमें सावधान होने की जरूरत है। हमें ऐसा संदेश नहीं देना चाहिए कि बिना जांच के हम एक पूरी कौम को बदनाम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस मामले की व्यापक जांच होनी चाहिए।` फारूकी के इस बयान को कांग्रेस और भाजपा ने हास्यास्पद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
यासीन भटकल की गिरफ्तारी बिहार से हुई, इस खबर के बाद मनसे प्रमुख राज ठाकरे को बिहार के खिलाफ बोलने का फिर मौका मिल गया। ठाणे में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि यासीन भटकल जैसे आतंकवादी बिहार में ही क्यों मिलते हैं? राज ठाकरे ने कहा, देश भर के लोग मुझे गाली देते थे, मुझ पर टिप्पणी करते थे, लेकिन भटकल मिला कहां? बिहार में। मुझे लोग गाली देते थे मुझ पर टिप्पणी करते थे कि राज ठाकरे को दूसरा कोई विषय बोलने के लिए मिलता नही है। वहीं (बिहार में ही ) क्यों मिलते हैं ये आतंकी? क्या वहां कोई कॉलेज है, अपराधियों को फ्री एडमिशन मिलता है। नालंदा यूनिवर्सिटी बिहार में है ये मुझे पता था, लेकिन ये दूसरी कौन सी यूनिवर्सिटी है वहां?