मोदी को लेकर ‘बंटी’ भाजपा पर कांग्रेस ने साधा निशाना
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मोदी को लेकर ‘बंटी’ भाजपा पर कांग्रेस ने साधा निशाना

कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी को 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर उपेक्षापूर्ण रुख अख्तियार किया और विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इस मुद्दे पर वस्तुत: बंटे होने पर निशाना साधा।

नई दिल्ली : कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी को 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर उपेक्षापूर्ण रुख अख्तियार किया और विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इस मुद्दे पर वस्तुत: बंटे होने पर निशाना साधा।
पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, ‘मोदी की अपील गुजरात तक सीमित है। हमने कर्नाटक के चुनावों में उनके प्रचार के खोखलेपन को देखा है। वह उन लोगों में लोकप्रिय हैं जो सांप्रदायिक राजनीति और सांप्रदायिक व्यक्तित्व को पसंद करते हैं। लेकिन इस तरह की राजनीति भारत के लोकाचार के खिलाफ है। आम जनता मोदी जैसे लोगों की सांप्रदायिक राजनीति की सराहना नहीं करती है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है कि वह किसे प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त करे या संसदीय बोर्ड का प्रमुख नियुक्त करे।
मोदी को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मोदी को मेरी हार्दिक बधाई।’ यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा सकता है तो सिंह ने कहा, ‘यह फैसला भाजपा को करना है।’ इससे पहले सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘मेरा हृदय आडवाणी जी के लिए द्रवित है। उन्होंने भाजपा को लोकसभा में 2 सीटों से 182 सीटों तक पहुंचाया। लेकिन अब कृतघ्न भाजपा मतभेदों की पार्टी है।’ आडवाणी ने गोवा में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। इसमें 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी में मोदी को बड़ी भूमिका दी गई है।
भाजपा के भीतर अंदरूनी मतभेदों पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि भाजपा जब अपने 10 नेताओं को एक साथ नहीं रख सकती है तो कैसे वे सरकार में मंत्रियों को साथ मिलकर काम करने के लिए रख पाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भाजपा से चिंतित होने की जरूरत नहीं है और वह किसी भी तरह की लड़ाई के लिए तैयार है।
कांग्रेस के मोदी से भयभीत होने के भाजपा के हमले का जवाब देते हुए शकील अहमद ने कहा, ‘इसका जवाब 2014 में दिया जाएगा। संसदीय चुनावों के नतीजे आने के बाद शाहनवाज हुसैन और अन्य भाजपा नेता जानेंगे कि कौन किससे भयभीत था।’ आडवाणी पर निशाना साधते हुए अहमद ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता ‘वही काट रहे हैं, जो उन्होंने बोया है।’ अहमद ने कहा, ‘आडवाणी अपनी करनी का फल भुगत रहे हैं। उन्होंने ही भारत में 1985-86 के बाद सांप्रदायिक राजनीति शुरू की थी। अब मोदी ने खुद को आडवाणी से भी ज्यादा सांप्रदायिक व्यक्ति के तौर पर पेश किया है और यही कारण है कि भाजपा के सर्वाधिक वरिष्ठ नेता को अब दरकिनार कर दिया गया है।’ (एजेंसी)

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