Indian Currency: रुपये में पेमेंट नहीं लेना चाहता रूस, दोनों देशों की बातचीत का निकला ये अंजाम
Advertisement
trendingNow11680852

Indian Currency: रुपये में पेमेंट नहीं लेना चाहता रूस, दोनों देशों की बातचीत का निकला ये अंजाम

Payment in Rupee: रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध के बाद से ही भारत की ओर से रूस से काफी आयात किया गया है. रूस से काफी मात्रा में तेल की खरीद भारत की ओर से की जाती है. वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने कम प्राइज में रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया.

Indian Currency: रुपये में पेमेंट नहीं लेना चाहता रूस, दोनों देशों की बातचीत का निकला ये अंजाम

Indian Rupee: भारत डॉलर के मुकाबले देश की करेंसी रुपये में व्यापार को बढ़ावा देने के मूड में दिख रहा है. इसके कारण भारत की ओर से कई अलग-अलग देशों में रुपये में पेमेंट को स्वीकार करने के लिए बातचीत भी चल रही है. इसी तरह की बातचीत भारत की रूस के साथ भी चल रही थी लेकिन अब इस बातचीत का कोई अंजाम निकलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है.

आयात
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध के बाद से ही भारत की ओर से रूस से काफी आयात किया गया है. रूस से काफी मात्रा में तेल की खरीद भारत की ओर से की जाती है. वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने कम प्राइज में रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया. ऐसे में पिछले कुछ महीनों से भारत और रूस के बीच रुपये में पेमेंट लेने की बातचीत चल रही थी. हालांकि सूत्रों का कहना है कि रूस भारत से रुपये में पेमेंट नहीं लेना चाहता, जिसके कारण अब ये बातचीत बंद हो चुकी है.

रुपये में पेमेंट
इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत और रूस के बीच होने वाले कारोबार में भारत रूस से ज्यादा आयात करता है, ऐसे में भारत चाहता था कि रूस को पेमेंट रुपये में की जाए, जिससे करेंसी कनवर्जन पर आने वाला खर्च भी बच जाए और रुपये का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन  भी होने लग जाए, लेकिन रूस रुपये में पेमेंट स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है.

भारतीय करेंसी
सूत्रों के मुताबिक रूस का कहना है कि रुपये में पेमेंट लेने के बाद उसके पास सालाना करीब 40 अरब डॉलर मूल्य की भारतीय करेंसी आ जाएगी, ऐसे में इतना बड़ा अमाउंट इकट्ठा करना उनके लिए बेहतर नहीं होगा. वहीं इस मामले में वित्त मंत्रालय, आरबीआई और रूस की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई है.

रुपये में लेनदेन
बता दें कि विश्व स्तर पर सभी देश रुपये में लेनदेन नहीं करते हैं. वैश्विक लेनदेन में रुपये की भागीदारी करीब 2 फीसदी है. ऐसे में दूसरे देश रुपये में लेनदेन करने को खास तवज्जो नहीं देता है. वैश्विक स्तर पर ज्यादातर कारोबार डॉलर में होता है.

जरूर पढ़ें:                                                                          

सिर्फ रजिस्ट्री कराने से नहीं बनते प्रॉपर्टी के मालिक, ये एक गलतफहमी अभी कर लें दूर NSE ने न‍िवेशकों को चेताया, यहां न‍िवेश करने वाले हो जाएंगे 'कंगाल'; आज ही न‍िकाल लें पैसा

Trending news