Retirement Plan चुनते वक्त भूलकर भी न करें ये गलती, बुढ़ापे में होगा पछतावा
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Retirement Plan चुनते वक्त भूलकर भी न करें ये गलती, बुढ़ापे में होगा पछतावा

Investment: एक निवेशक एक निश्चित अवधि के लिए अपनी पसंद के फंड में निवेश करता है. योजना परिपक्वता तक पहुंचने के बाद, निवेशक पेंशन लाभ का आनंद लेना शुरू कर देता है. आप या तो मासिक आधार पर पेंशन लाभ प्राप्त करना जारी रख सकते हैं या एकमुश्त राशि निकाल सकते हैं और बाकी को वार्षिकी योजना में बदल सकते हैं.

 

Retirement Plan चुनते वक्त भूलकर भी न करें ये गलती, बुढ़ापे में होगा पछतावा

Pension Plan: पेंशन प्लान या रिटायरमेंट प्लान एक वित्तीय व्यवस्था है जो आपको बीमा कवर और निवेश के दोहरे लाभ प्रदान कर सकता है. आपके रिटायरमेंट के बाद के वक्त के लिए पर्याप्त धनराशि जुटाने के लिए आपकी इनकम से एक निश्चित राशि नियमित रूप से इंवेस्ट की जानी चाहिए. आपके इंवेस्टमेंट को रिटायरमेंट के समय भुगतान के रूप में भुनाया जा सकता है. इसके लिए रिटायरमेंट प्लान या पेंशन योजनाएं आपकी मदद कर सकती हैं. हालांकि रिटायरमेंट प्लान में इंवेस्ट करते वक्त कुछ अहम बातों को ध्यान में रखना चाहिए, वरना बुढ़ापे में पछताना पड़ सकता है.

पेंशन प्लान
पेंशन योजनाएं लोगों को रिटायरमेंट के बाद के खर्चों के लिए इनकम का एक नियमित स्रोत प्रदान करती हैं. पेंशन योजनाओं में निवेश करने के कई लाभ हैं जैसे लॉन्ग टर्म सेविंग, टैक्स कटौती, बीमा प्रदान करना, अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न प्रकार की योजनाओं में से चुनने का लचीलापन आदि. ऐसे में इन सभी फैक्टर को ध्यान में रखते हुए पेंशन प्लान चुनना चाहिए.

महंगाई दर
रिटायरमेंट प्लान लेते वक्त विचार किया जाना चाहिए कि क्या महंगाई दर प्लान के निवेश पर रिटर्न से कम है. इस चीज का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि महंगाई बढ़ती ही जाएगी. अगर रिटायरमेंट प्लान चुनते वक्त महंगाई दर का आप ध्यान नहीं रखते हैं तो बाद में पछताना पड़ सकता है. ऐसे में प्लान पर मिलने वाला रिटर्न महंगाई दर से ज्यादा होना चाहिए.

पर्याप्त पेंशन
इसके अलावा वह योजना चुनें जो आपके खर्चों को पूरा करने वाली पर्याप्त पेंशन प्रदान करती हो. साथ ही उस योजना में निवेश करने से पहले निहित अवधि पर विचार करें और क्या यह वार्षिकी विकल्प प्रदान करता है जो आपके लिए उपयुक्त है. ऐसे में प्लान चुनते वक्त इनका विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए, वरना जब आप रिटायर होंगे तो उस वक्त के लिहाज से रिटर्न कम भी हो सकता है और बाद में पछताना पड़ सकता है.

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