Desi Jugaad: कंधे में होता था दर्द, शख्स ने गियर वाली गाड़ी को सिर्फ 9 हजार में बनाया ऑटोमैटिक
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Desi Jugaad: कंधे में होता था दर्द, शख्स ने गियर वाली गाड़ी को सिर्फ 9 हजार में बनाया ऑटोमैटिक

Automatic Car: एक उबर ड्राइवर की जबरदस्त जुगाड़ की इंटरनेट पर धूम मची हुई है. दुराई नाम के इस ड्राइवर ने गियर बदलते-बदलते कंधे के दर्द से बचने के लिए अपनी गाड़ी के डैशबोर्ड पर खुद ही ऑटोमैटिक पैडल शिफ्टर बना लिया.

 

Desi Jugaad: कंधे में होता था दर्द, शख्स ने गियर वाली गाड़ी को सिर्फ 9 हजार में बनाया ऑटोमैटिक

Desi Jugaad: एक उबर ड्राइवर की जबरदस्त जुगाड़ की इंटरनेट पर धूम मची हुई है. दुराई नाम के इस ड्राइवर ने गियर बदलते-बदलते कंधे के दर्द से बचने के लिए अपनी गाड़ी के डैशबोर्ड पर खुद ही ऑटोमैटिक पैडल शिफ्टर बना लिया. बेंगलुरु के एक टेक्की पार्थ पार्मर नाम की सवारी ने मारथहल्ली से एचएसआर लेआउट के लिए दुराई की बुक की और इस जुगाड़ को देखकर वह दंग रह गया. उन्होंने दुराई का वीडियो बनाकर शेयर किया जिसमें वो अपना आविष्कार समझा रहे हैं. वीडियो के साथ पार्थ ने लिखा, "ये उबर ड्राइवर गियर बदलने में लगने वाले कंधे के दर्द से बचने के लिए खुद ही पैडल शिफ्टर बना लिया. सारा खर्चा सिर्फ 9 हजार. ये तो कमाल हो गया. मुझे उम्मीद है उन्हें आगे बढ़ने के लिए सही सपोर्ट और मार्गदर्शन मिलेगा. भारत में तो टैलेंट की कमी नहीं."

उबर ड्राइवर की जबरदस्त जुगाड़

मीडिया से बात करते हुए पार्थ ने बताया, "मैं घर लौटने के लिए उबर बुक कर रहा था, तो ये शख्स मुझे लेने आया. मैंने देखा कि ये गियर लेवर अपने आप ही वीडियो में दिखाए गए तरीके से बदल रहा है. मैंने पूछा कि क्या उसने गाड़ी को मॉडिफाई करवाया है? दुराई ने बताया कि उन्होंने ये बदलाव कुछ हफ्ते पहले किए थे क्योंकि गियर बदलते-बदलते उनके कंधे में दर्द होने लगा था. तो उन्होंने और उनके दोस्त ने मिलकर ये जुगाड़ बनाया, जहां वो स्टीयरिंग के पीछे लगे एक लीवर से कुछ चिप्स, रिले और मोटर असेंबली की मदद से गियर बदल सकते हैं."

 

 

अपने आइडिया को और भी बेहतर बनाएंगे ड्राइवर

दुराई ने बताया कि बेंगलुरु के उनके कई दोस्तों ने यही तरह का पैडल शिफ्टर बनवाने की रिक्वेस्ट की है, लेकिन उन्होंने अभी तक मना कर दिया है क्योंकि वो इसे और ज़्यादा अच्छा बनाने में जुटे हैं. पार्थ ने बताया, "दुराई ने कहा वो अभी भी इसे टेस्ट कर रहे हैं. कभी-कभी बीच रास्ते में ये खराब हो जाता है, इसलिए इसे अभी और सुधारने की जरूरत है. लेकिन वो इसे फौरन ही पेटेंट करवाने की सोच रहे हैं." पार्थ ने दुराई को बिना पेटेंट के अपना आइडिया बेचने से मना किया और उसे पैडल शिफ्टर को और बेहतर बनाने और फैलाने में मदद करने की पेशकश की.

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