पेड़ को गले लगे लगाने के 1500 रुपये! कंपनी ने विज्ञापन देकर इंटरनेट पर मचाया बवाल
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पेड़ को गले लगे लगाने के 1500 रुपये! कंपनी ने विज्ञापन देकर इंटरनेट पर मचाया बवाल

Hugging Tree: शहर की भागदौड़ से थोड़ा सुकून पाने के लिए कई लोग पार्क या बगीचे में घूमना पसंद करते हैं. लेकिन, भारत की स्टार्टअप राजधानी बेंगलुरु में एक नया बिजनेस शुरू हुआ है, जो इसी जरूरत का फायदा उठाकर पैसा कमाना चाहता है.

 

पेड़ को गले लगे लगाने के 1500 रुपये! कंपनी ने विज्ञापन देकर इंटरनेट पर मचाया बवाल

Bengaluru City: शहर की भागदौड़ से थोड़ा सुकून पाने के लिए कई लोग पार्क या बगीचे में घूमना पसंद करते हैं. लेकिन, भारत की स्टार्टअप राजधानी बेंगलुरु में एक नया बिजनेस शुरू हुआ है, जो इसी जरूरत का फायदा उठाकर पैसा कमाना चाहता है. इस वजह से ऑनलाइन काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ है, जिसमें "फॉरेस्ट बाथिंग एक्सपीरियंस" के टिकट 1500 रुपये की ऊंची कीमत पर बेचे जा रहे हैं. वायरल स्क्रीनशॉट में 28 अप्रैल को होने वाले "फॉरेस्ट बाथिंग एक्सपीरियंस" कार्यक्रम के टिकट बिक रहे हैं.

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क्या पेड़ों को गले लगाने के लिए देने पड़ेंगे पैसे?

ये कार्यक्रम बेंगलुरु के कब्बन पार्क में होगा और इसमें टहलने के साथ-साथ तनाव कम करने और नजरिया बदलने वाली गतिविधियां भी शामिल हैं. इसकी खास बात ये है कि टिकट की कीमत 1500 रुपये है. ऑनलाइन यूजर्स को हैरानी हो रही है कि क्या हम ये खुद मुफ्त में नहीं कर सकते? लेकिन ये बात यहीं खत्म नहीं होती. इस कार्यक्रम में सिर्फ एक ही सीट थी और वो भी बिक चुकी है. इस पर लोगों ने कई मजेदार कमेंट किए. कुछ लोगों ने इसे बाजार का नया "फर्जीपन" बताया. एक ने मजाक में कहा कि बेंगलुरु के टेक्नी लोग इस बात से परेशान हैं कि वे हफ्ते में 5 घंटे काम करके 95% भारतीयों से बेहतर जिंदगी जी रहे हैं."

 

 

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या फिर इसके पीछे है कोई और वजह?

ये चर्चा और बढ़ती गई. कई लोगों को "फॉरेस्ट बाथिंग" के कॉन्सेप्ट पर मजाक करने का मौका मिल गया. कुछ ने तो ये तक कह डाला कि बेंगलुरु में पानी की समस्या वाकई गंभीर है. लेकिन, जो लोग इससे अनजान हैं और हैरान हैं, उन्हें बता दें कि "फॉरेस्ट बाथिंग" असल में एक जापानी परंपरा "शिनरिन-योकू" है, जो प्रकृति के बीच आराम पाने का एक तरीका है. इसमें धीरे-धीरे पेड़ों के बीच शांत चिन्तन करना, गहरी सांस लेना और आसपास के वातावरण को गौर से देखना जैसी गतिविधियां शामिल होती हैं. ये गतिविधियां सिर्फ 10-15 मिनट से लेकर कई दिनों या हफ्तों तक चल सकती हैं.

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