Afghanistan-Pakistan Border: पाकिस्तान के लिए खड़ी हुई नई मुश्किल, अफगान तालिबान ने बंद किया बॉर्डर
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Afghanistan-Pakistan Border: पाकिस्तान के लिए खड़ी हुई नई मुश्किल, अफगान तालिबान ने बंद किया बॉर्डर

Afghanistan-Pakistan Relations: काबुल पर कब्जे के बाद से ही अफगान तालिबान और पाकिस्तान के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन अफगान तालिबान पर निशाना साधा था. 

Afghanistan-Pakistan Border: पाकिस्तान के लिए खड़ी हुई नई मुश्किल, अफगान तालिबान ने बंद किया बॉर्डर

Afghan Taliban and Pakistan Relations: पाकिस्तान के साथ इन दिनों बहुत सी गंभीर समस्याओं से घिरा हुआ है. जहां आर्थिक संकट उसके लिए चुनौती बना हुआ है वहीं तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) लगातार आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है. इस सब के बीच पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सवाल अफगान तालिबान से बिगड़ते रिश्तों का भी है. काबुल पर कब्जे के बाद से ही अफगान तालिबान और पाकिस्तान के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है.

अब खबर आ रही है कि अफगान तालिबान के अधिकारियों ने रविवार को इस्लामाबाद पर अपनी प्रतिबद्धताओं से मुकरने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान के साथ मुख्य व्यापार और सीमा पार बिंदुओं में से एक को बंद कर दिया. ‘द डॉन’ के मुताबिक तोरखम के अफगान तालिबान आयुक्त ने कहा कि यात्रा और ट्रांजिड ट्रेड के लिए बॉर्डर प्वाइंट को बंद कर दिया गया है.

तोरखम में तालिबान के आयुक्त मौलवी मोहम्मद सिद्दीकी ने ट्वीट किया, ‘पाकिस्तान ने अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं किया है और इसलिए (हमारे) नेतृत्व के निर्देश पर एंट्री गेट को बंद कर दिया गया है.‘ उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों को सलाह दी कि वे पूर्वी नंगरहार प्रांत में सीमा पार यात्रा करने से बचें.

पाकिस्तान से नाराज अफगान तालिबान
हालांकि, तालिबान अधिकारी ने यह नहीं बताया कि इस्लामाबाद ने कथित तौर पर किस प्रतिबद्धता का उल्लंघन किया. कुछ अपुष्ट मीडिया रिपोर्टों ने सुझाव दिया कि तालिबान पाकिस्तान में इलाज कराने वाले अफगान रोगियों की यात्रा पर अघोषित प्रतिबंध से नाराज थे.

पाकिस्तान और अफगान तालिबान के संबंध तनावपूर्ण 
गौरतलब है कि पाकिस्तान और अफगान तालिबान के संबंध तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि यदि अंतरिम अफगान सरकार ने अपने क्षेत्र से संचालित आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए ‘इच्छाशक्ति और क्षमता’ का प्रदर्शन नहीं किया तो आतंकवाद को पाकिस्तान से बाहर अन्य स्थानों पर जाने में अधिक समय नहीं लगेगा. जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंन यह बात कही.

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