तिब्बत में बनी कृत्रिम झील, असम और अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ का खतरा
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तिब्बत में बनी कृत्रिम झील, असम और अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ का खतरा

तिब्बत में भूस्खलन से बनी कृत्रिम झील बनने से असम और अरुणाचल प्रदेश के लोगों पर संभावित रूप से बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है. 

ब्रह्मपुत्र नदी को अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी के नाम से जाना जाता है. (फाइल फोटो)

ईटानगर: तिब्बत में भूस्खलन से बनी कृत्रिम झील बनने से असम और अरुणाचल प्रदेश के लोगों पर संभावित रूप से बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने एक बयान जारी कर शनिवार को बताया कि असम और अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में एनडीआरएफ की 32 टीमों को भेजा गया है. जारी बयान के अनुसार, चीन के तिब्बत वाले हिस्से में किसी जगह भूस्खलन के कारण ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्यधारा पर एक कृत्रिम झील का निर्माण हो गया है. इसके कारण ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रुक गया है और असम और अरुणाचल प्रदेश में अचानक आने वाली बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. 

लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य हुआ शुरू
अरूणाचल प्रदेश में सियांग (ब्रह्मपुत्र) नदी के किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. बता दें कि हाल ही में चीन ने भारत को तिब्बत में एक कृत्रिम झील बनने से संभावित रूप से बाढ़ आने के बारे में जानकारी साझा की थी. इस सूचना के बाद शनिवार को एहतियातन यह कदम उठाया गया. जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता (मुख्यालय) गौतम बोरांग ने कहा कि पानी अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग जिले के पासीघाटी में शनिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे पहुंचा. उन्होंने बताया कि पूर्वाह्न 11 बजे पानी का प्रवाह नियंत्रण में था और खतरे के निशान से नीचे था. अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी सियांग जिले के उपायुक्त डी कामदुक और जलसंसाधन विभाग के अधिकारी सियांग नदी में पानी के प्रवाह पर लगातार नजर रख रहे हैं. वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनईआरएफ) की टीम पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि पूर्वी सियांग जिले में सियांग नदी के किनारे रहे रहे कई लोगों को ऐहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. 

शुक्रवार रात बढ़ गया था जलस्तर
अरूणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ए लिबांग ने कहा कि सियांग नदी का जलस्तर शुक्रवार की रात 11 बजे बढ़ा था, लेकिन कुछ समय बाद यह कम होना शुरू हो गया. मंत्री ने कहा कि अधिकारी नदी के जलस्तर की लगातार निगरानी कर रहे हैं. चीन के दूतावास के प्रवक्ता काउंसेलर जे रोंग ने कहा कि उनके देश ने बुधवार को सुबह मिलिन काउंटी के जियाला गांव में यालुजांगबू नदी में भूस्खलन होने के बाद भारत के साथ आपात सूचना साझा तंत्र को सक्रिय कर दिया है. यालुजांगबू नदी के अरूणाचल प्रदेश में प्रवेश करने पर इसे सियांग नदी और असम में ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है.

असम ने अरूणाचल से लगते जिलों को सतर्क रहने को कहा
असम के मुख्यमंत्री सर्बांनंद सोनोवाल ने शनिवार को अरूणाचल प्रदेश की सीमा से लगते जिलों के अधिकारियों से बाढ़ के अंदेशे के मद्देनजर ‘सतर्क’ रहने को कहा. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि सोनोवाल ने धेमाजी, डिब्रूगढ़, लखीमपुर और तिनसुकिया जिलों के अधिकारियों से सतर्क रहने और किसी भी तरह के बड़े नुकसान को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाने को कहा है. जिला प्रशासन, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सभी अन्य विभागों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक असम पर इसका मामूली असर पड़ेगा क्योंकि ब्रह्मपुत्र में जलस्तर कम है लेकिन पासीघाट में पानी का स्तर बढ़ सकता है. अगर यह अवरोधक को तोड़ता है तो धेमाजी जिले में जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है.

(इनपुट भाषा से)

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