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बेहद खास है गुजरात का अंबाजी माता मंदिर, जहां पूरे मंत्रिमंडल ने लगाई हाजिरी

Ambaji Mata Mandir: गुजरात के उत्तरी हिस्से में अरावली की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच विश्‍वप्रसिद्ध अंबाजी मंदिर है. जहां हाल ही में गुजरात सरकार के पूरे मंत्रीमंडल और कई विधायकों ने हाजिरी लगाई. दरअसल इस मंदिर में 12 से 16 फरवरी के बीच 'श्री 51 शक्तिपीठ परिक्रमा महोत्सव-2024' हुआ. इस मौके पर मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र पटेल, विधानसभा अध्‍यक्ष शंकरभाई चौधरी समेत पूरा मंत्रीमंडल अंबाजी माता मंदिर आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचा. 

अंबिका वन

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अंबिका वन

गुजरात का अंबाजी शक्तिपीठ भी इनमें से एक है, जहां माता सती का हृदय गिरा था. पुराणों के अनुसार पहले यहां अंबिका वन नामक वन था. माता सती का ह्दय गिरने के कारण यह शक्तिपीठ अंबाजी माता मंदिर के नाम से मशहूर हुआ. 

बीसा यंत्र

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बीसा यंत्र

समुद्र तल से 1580 फीट की ऊंचाई पर स्थित अंबाजी मंदिर में देवी की वास्तविक मूर्ति की पूजा नहीं होती है. बल्कि यहां बीसा यंत्र की पूजा की जाती है. मान्‍यता है कि यह बीसा यंत्र उज्जैन के हरसिद्धि माता शक्तिपीठ और नेपाल के शक्तिपीठों के अंदर रखे गए मूल यंत्र से जुड़ा है. 

अष्‍टमी पर विशेष पूजा

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अष्‍टमी पर विशेष पूजा

बीसा यंत्र की हर अष्‍टमी पर विशेष पूजा होती है. इस मंदिर में वैसे तो पूरे साल श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है लेकिन नवरात्रि के समय यहां दूर-दूर से भक्‍त आकर अपनी गुहार लगाते हैं. 

पूर्णिमा को चढ़ाते हैं झंडा

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पूर्णिमा को चढ़ाते हैं झंडा

इसके अलावा पूर्णिमा के दिन भी अंबाजी मं‍दिर में बड़ी संख्‍या में भक्‍त आते हैं और मंदिर में झंडा चढ़ाते हैं. मान्‍यता है कि इससे मातारानी भक्‍तों की मनोकामना पूरी करती हैं. सोने के शंकु के साथ सफेद संगमरमर से बना मंदिर मूल रूप से नागर ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया था. इस मंदिर का मुख्‍य द्वार भी बेहद भव्‍य है. 

मंदिर में नहीं है मूर्ति

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मंदिर में नहीं है मूर्ति

इस मंदिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं है, लेकिन पुजारी गोख के ऊपरी हिस्से को इस तरह से सजाते हैं कि यह दूर से देवी की मूर्ति की तरह दिखता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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