Advertisement
photoDetails1hindi

पेरिस के आकार से 5 गुना बड़ा, दो गीगावाट की क्षमता...कैसा है दुनिया का सबसे बड़ा एनर्जी पार्क

Khavda Renewable Energy Park: दुनिया में प्राकृतिक स्रोत ज्यादा वक्त तक नहीं रहेंगे. ऐसे में इंसान लगातार ऐसे स्रोतों की खोज में लगा है, जो भविष्य में उसके काम आएं. इसी कड़ी में अब भारत में दुनिया का सबसे बड़ा रिन्युएबल एनर्जी पार्क है, जो पेरिस से 5 गुना ज्यादा बड़ा है. यह जगह है गुजरात के कच्छ के खावड़ा में, जहां अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 30 मेगावाट क्लीन एनर्जी का उत्पादन करने के लिए करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. आइए इस एनर्जी पार्क की खास बातें आपको बताते हैं.

1/7

एक छोटी हवाई पट्टी, जहां एयर ट्रैफिक कंट्रोलर तक नहीं है, जो विमानों को आने का रास्ता बता सके. जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम पर केवल पोर्टेबल टॉयलेट और कंटेनर में मेकशिफ्ट ऑफिस है. यह एयरस्ट्रिप उस वक्त और छोटी थी जब दिसंबर 2022 में अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी, जो तब दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स थे, उन्होंने इस वीरान बंजर जगह तक पहुंचने के लिए एक छोटे प्लेन का सहारा लिया. इस इलाके में पिन कोड तक नहीं है और गांव का नाम भी 80 किलोमीटर दूर एक गांव से पड़ा. 

2/7

इस इलाके में खेती-बाड़ी का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि मिट्टी ही इतनी ज्यादा खारी है. लेकिन देश में लद्दाख के बाद यहां सबसे शानदार सोलर रेडिएशन है और मैदानी इलाकों की तुलना में हवा 5 गुना ज्यादा तेज चलती है, जिससे रिन्युएबल एनर्जी पार्क के लिए यह जगह सबसे मुफीद बन जाती है.

 

3/7

हवाई पट्टी से उतरने के बाद रेतीले इलाके से होकर 18 किलोमीटर की ड्राइव के बाद आती है अडानी ग्रुप की वो साइट, जहां दुनिया का सबसे बड़ा रिन्युएबल एनर्जी पार्क है. यह 538 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसका आकार पेरिस की तुलना में 5 गुना है. 

4/7

जब गौतम अडानी खावड़ा में आए थे, तब उन्होंने अपनी कंपनी के स्टाफ से जोक में कहा था कि इस इलाके में तो मच्छर भी नहीं मिलेंगे.  अब कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन ने बताया, 'हमने अभी खावड़ा में 2,000 मेगावाट (दो गीगावाट) बिजली क्षमता चालू की है. चालू वित्त वर्ष में यहां चार गीगावाट और उसके बाद हर साल पांच गीगावाट क्षमता जोड़ने की हमारी योजना है. इस एनर्जी पार्क का बाहरी छोर पाकिस्तान के साथ लगे इंटरनेशनल बॉर्डर से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है. यहां पर एक हवाई पट्टी भी है जिसका इस्तेमाल हफ्ते में कुछ बार मुंद्रा या अहमदाबाद से कंपनी अधिकारियों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है. 

5/7

अत्यधिक खारे पानी वाले इस इलाके में कई तरह की चुनौतियां हैं. मार्च से जून के दौरान धूल भरी आंधियां चलती हैं. कम्युनिकेशन और ट्रांसपोर्ट का कोई बुनियादी ढांचा नहीं है. रहने लायक नजदीकी जगह भी एनर्जी पार्क से करीब 80 किलोमीटर दूर है. वहीं बरसात के दौरान पानी मिट्टी के नीचे नहीं रिसता और यहां जमीन का पानी भी खारा है. इन चुनौतियों के बावजूद अडाणी समूह अपनी रिन्युएबल एनर्जी योजनाओं को लेकर बेहद महत्वाकांक्षी है. इसने साल 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट बिजली के उत्पादन का टारगेट रखा है. 

6/7

जैन ने कहा कि खावड़ा एनर्जी पार्क अपने टॉप लेवल पर 81 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा जो बेल्जियम, चिली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों को बिजली देने के लिए काफी है. जैन ने कहा कि खावड़ा पार्क में नियोजित 30 गीगावाट क्षमता में 26 गीगावाट सौर ऊर्जा और चार गीगावाट पवन क्षमता की होगी. 

7/7

अडाणी ग्रीन एनर्जी के मौजूदा परिचालन पोर्टफोलियो में 7,393 मेगावाट सौर, 1,401 मेगावाट पवन और 2,140 मेगावाट पवन-सौर हाइब्रिड क्षमता शामिल है. खावड़ा जमीन का स्वामित्व सरकार के पास है, जिसने इसे अडाणी समूह को 40 साल के पट्टे पर दे दिया है. इस एनर्जी पार्क का निर्माण 2022 में शुरू हुआ था.

ट्रेन्डिंग फोटोज़