PM के नाम पर महागठबंधन में अभी से दरार, SP, BSP और तृणमूल जैसी पार्ट‍ियां स्‍टालिन की घोषणा से नाराज!
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PM के नाम पर महागठबंधन में अभी से दरार, SP, BSP और तृणमूल जैसी पार्ट‍ियां स्‍टालिन की घोषणा से नाराज!

विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘विपक्ष के कई नेता प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में किसी का नाम घोषित किये जाने के खिलाफ हैं. सपा, बसपा, तृणमूल और राकांपा स्टालिन की घोषणा से सहमत नहीं है.

महागठबंधन के समर्थक कई दल नहीं चाहते कि पीएम चेहरा घोष‍ित क‍िया जाए. फाइल फोटो

नई दिल्ली : विपक्षी दलों के कई नेता 2019 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन की ओर से किसी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किये जाने के खिलाफ लगते हैं. विपक्षी खेमे के सूत्रों ने यह जानकारी दी. विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘विपक्ष के कई नेता प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में किसी का नाम घोषित किये जाने के खिलाफ हैं. सपा, बसपा, तृणमूल और राकांपा स्टालिन की घोषणा से सहमत नहीं है. उनके अनुसार यह जल्दीबाजी है. लोकसभा परिणामों के बाद ही प्रधानमंत्री का निर्णय होगा.’

विपक्षी खेमे की प्रतिक्रिया ऐसे समय में सामने आई है जब द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्ष के प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी होना चाहिए, क्योंकि उनमें भाजपा को शिकस्त देने की क्षमता है. द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने रविवार को राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के लिए उनका पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि गांधी वंशज में ‘फासीवादी’ नरेन्द्र मोदी सरकार को हराने की क्षमता है.

सीपीआई ने भी स्‍टाल‍िन की बात नहीं द‍िया जवाब
हालांकि डीएमके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए सीपीआई के डी राजा ने स्‍टालिन की घोषणा से पूरी तरह सहमति नहीं जताई. उन्‍होंने कहा, अभी सारी पार्टियों को इस पर विचार करने की जरूरत है. आने वाले दिनों में इस पर और तस्‍वीर साफ हो सकती है.

एक चेहरा घोष‍ित करने के पक्ष में नहीं
हालांकि इतना तय है कि महागठबंधन में अब भी सभी दल किसी एक नाम पर सहमत नहीं हैं. कुछ दिन पहले फारुख अब्‍दुल्‍ला जैसे नेताओं की ओर से कहा गया था कि महागठबंधन में कोई एक चेहरा नहीं है. हम अपना चेहरा चुनावों के बाद तय कर लेंगे. इसके अलावा शरद यादव भी कह चुके हैं कि महागठबंधन में अभी चेहरे की कोई लड़ाई नहीं है. लेकिन ममता बनर्जी और मायावती जैसी दि‍ग्‍गज नेता कांग्रेस की सरपरस्‍ती स्‍वीकार करने के लि‍ए तैयार नहीं हैं.

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