गुजरात के डिप्टी सीएम पटेल का बयान - अहमदाबाद का नाम गुलामी का प्रतीक
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गुजरात के डिप्टी सीएम पटेल का बयान - अहमदाबाद का नाम गुलामी का प्रतीक

अहमदाबाद का नाम बदलने को सियासत है जारी

गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल. (फाइल फोटो)

अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी  के गुरुवार को अहमदाबाद का नाम कर्णावती करने को लेकर दिए बयान के बाद गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने आज फिर गुजरात के मेहसाणा में अहमदाबाद का नाम बदलने के संबंध में बयान दिया है. डिप्टी सीएम नितिनभाई ने कहा है कि गुजरात और भारत की अस्मिता को बनाए रखने के लिए नाम बदला जा सकता है. गुजरात सरकार इसके लिए पहल कर रही है.

मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान डिप्टी सीएम नितिनभाई पटेल ने कहा, "गुजरात की जनता और अहमदाबाद के आम लोगों की इच्छा है कि अहमदाबाद का नाम बदला जाए. कर्णावती पुराना ऐतिहासिक नाम है और इस पर हर भारतीय को गर्व है. यह हमारे इतिहास के गौरव के साथ जुड़ा हुआ नाम है. अहमद शाह के अलावा दूसरे राजा और नवाब तो भारत बाद में आए."

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गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने यह भी कहा, "जिस तरह से बाहर के लोगों ने हमारे देश पर हमला किया ,भारत के राजाओं की रियासतें को लूटा और उस वक्त के धार्मिक सामाजिक और आर्थिक तौर पर सक्षम होने के कारण अपने नाम से सारे शहरों के नाम कर लिया. उस वक्त के इन शासकों ने अपने हिसाब से अपने नाम पर शहर का नामकरण किया और नाम बदल डाले. लेकिन, अब अपना देश आजाद है और करोड़ों भारतीय भारत के गौरवशाली इतिहास याद कर रहे हैं और गुलामी की मानसिकता से बाहर आना चाह रहे हैं.'' 

गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल का मानना है कि भारत और गुजरात के आमलोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर शहरों का नाम बदला जा रहा है. नितिन पटेल ने यह भी कहा कि जिस तरह से योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या का नाम बदला. इससे पहले बम्बई का नाम मुंबई किया गया, कोलकाता और बैंगलोर का नाम बदला गया. उसी प्रकार अहमदाबाद के आमलोगों की मांग के अनुसार अहमदाबाद का नाम भी बदला जा सकता है. लेकिन, अब स्वाभाविक है कि आमलोगों  की मांग और भावनाओं को ध्यान में रखकर और हजारों साल पुराने अहमदाबाद का नाम कर्णावती रखने के लिए गुजरात सरकार पहल करेगी.

शहरों का नाम बदलने को लेकर सियासत है जारी

बीजेपी के अहमदाबाद का नाम बदलने के प्रयास के बाद गुजरात और देश में काफी राजनीतिक बवाल मचा है. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार की काफी आलोचना की है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी सांंप्रदायिक आधार पर वोट के लिए और देश और समाज को बांटने के  लिए ऐसा कर रही है.

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