दिल्‍ली नहीं दक्षिण अमेरिका से हरी झंडी के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर में लगा गवर्नर रूल
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दिल्‍ली नहीं दक्षिण अमेरिका से हरी झंडी के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर में लगा गवर्नर रूल

राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद के पास जम्‍मू-कश्‍मीर में राज्‍यपाल शासन लगाने की सिफारिश तब पहुंची थी जब वह दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के देश सुरीनाम के लिए विमान से रवाना हुए थे.

दिल्‍ली नहीं दक्षिण अमेरिका से हरी झंडी के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर में लगा गवर्नर रूल

नई दिल्‍ली: राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद के पास जम्‍मू-कश्‍मीर में राज्‍यपाल शासन लगाने की सिफारिश तब पहुंची जब वह दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के देश-सूरीनाम के लिए विमान से रवाना हुए थे. वह इस वक्‍त 3 देशों की यात्रा पर गए हैं. जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल एनएन वोहरा ने राष्‍ट्रपति को मंगलवार रात राज्‍य में केंद्रीय शासन लागू करने की सिफारिश करने की दरख्‍वास्‍त भेजी थी. श्रीनगर में राजभवन के प्रवक्‍ता ने बताया कि राष्‍ट्रपति सुबह 3 बजे सूरीनाम पहुंचे. उनकी मंजूरी का आदेश सुबह 6 बजे गृह मंत्रालय को मिला. ऐसा चौथी बार है जब राज्‍यपाल एनएन वोरा के इस पद पर रहते राज्‍य में गवर्नर शासन लगा हो. इससे पहले 2008, 2015 और 2016 में राज्‍यपाल शासन लगा था. 

तीन साल पहले बनी थी बीजेपी-पीडीपी सरकार
एनडीटीवी
की खबर के मुताबिक मंगलवार (19 जून) दोपहर बीजेपी ने सत्तारूढ़ पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. महबूबा मुफ्ती ने शाम को राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया. महबूबा का इस्तीफा मिलने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा से राज्य के सभी दलों के प्रमुखों से बात की और राज्य में नई सरकार की संभावनाओं पर चर्चा की. लेकिन नई सरकार के गठन के लिए कोई भी दल आगे नहीं आया. अंत में राज्यपाल ने सूबे में गवर्नर रूल की सिफारिश करते हुए राष्ट्रपति को एक चिट्ठी लिखी थी. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राज्यपाल की सिफारिशों पर चर्चा के बाद बुधवार को इस पर फैसला दिया.

राम माधव ने की थी समर्थन वापसी की घोषणा
बीजेपी के महासचिव राम माधव
ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फेंस करके महबूबा सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी. राम माधव ने कहा था कि उप-मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता व अन्य नौ मंत्रियों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. राज्य के नेताओं को परामर्श के लिए तत्काल राष्ट्रीय राजधानी बुलाया गया था. राज्यपाल एनएन वोहरा केंद्रीय गृह मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं. उन्‍हें जम्‍मू-कश्‍मीर के राजनीतिक परिदृश्‍य का अच्‍छा तजुर्बा है. वह पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल के प्रमुख सचिव भी थे और कश्‍मीर मसले पर बातचीत के दौरान केंद्र की ओर से वार्ताकार की भूमिका निभा चुके हैं.

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