राम माधव बोले, 'जम्मू-कश्मीर में बीजेपी भविष्य में भी सरकार का हिस्सा होगी'
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राम माधव बोले, 'जम्मू-कश्मीर में बीजेपी भविष्य में भी सरकार का हिस्सा होगी'

माधव ने कहा कि बीजेपी जब सत्ता में आएगी तो वह जम्मू-कश्मीर को नई दिशा में ले जाने के लिए काम करेगी. 

राममाधव ने कहा, "कश्मीर कहीं नहीं जाएगा, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है."

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की अटकलों के बीच शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि भविष्य में भी बीजेपी सरकार का हिस्सा होगी क्योंकि राज्य में कभी भी सत्ता में नहीं होने का ‘अपशकुन’ खत्म हो गया है. राज्य में पार्टी मामलों के प्रभारी माधव का बयान जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ बीजेपी का गठबंधन टूटने के कुछ महीने बाद आया है. माधव ने कहा, "मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि जम्मू-कश्मीर में फिर कभी जब सरकार बनेगी तो बीजेपी उसका हिस्सा होगी." उन्होंने कहा, "अपशकुन खत्म हो गया है." 

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माधव ने एक समारोह में कहा कि बीजेपी जब सत्ता में आएगी तो वह जम्मू-कश्मीर को नई दिशा में ले जाने के लिए काम करेगी. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी- भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन जून में टूट जाने के बारे में माधव ने कहा कि कठिनाइयां थीं लेकिन कुछ उपलब्धियां हासिल हुईं. उन्होंने कहा, "हम काफी काम करना चाहते थे लेकिन जब हमने सोचा कि हमारे मुताबिक चीजें नहीं हो रही हैं तो हम (सरकार से) बाहर आ गए."

उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से अलगाववाद की भावना और पिछले 30 वर्षों से आतंकवाद ने राज्य की प्रगति में बाधा डाली है. माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पार्टी के सत्ता में नहीं होने के बावजूद सुरक्षा स्थिति से निपटने के लिए अपनाई गई चौतरफा नीति जारी रहेगी. उन्होंने कहा, "कश्मीर कहीं नहीं जाएगा, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है."  

पीडीपी के कई बागी विधायक बीजेपी के संपर्क में
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राम माधव के हाल के कश्मीर दौरे ने फिर पीडीपी के साथ सरकार बनाने की अटकलें तेज हो गई हैं. लेकिन महबूबा मुफ्ती सीएम का चेहरा नहीं होंगी. हालांकि इस पर बहुत कुछ स्पष्ट होना बाकी है. खबरों के मुताबिक, बीजेपी नेताओं ने राम माधव को स्पष्ट कहा है कि अगर पीडीपी के साथ दोबारा सरकार बनाने के लिए समझौता होता है तो उस स्थिति में महबूबा को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाए. 87 सदस्यीय जम्मू कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के 28, भाजपा के 25, नेशनल कांफ्रेंस के 15, कांग्रेस के 12, पीपुल्स कांफ्रेंस के दो विधायकों के अलावा दो निर्दलीय और माकपा, पीडीएफ व एपीआइ का एक-एक विधायक है. सरकार बनाने के लिए 44 विधायक चाहिए. ऐसे में भाजपा के पास अपने 25 विधायक है, उसे 19 और विधायकों की जरूरत होगी.  

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