3 राज्यों में बीजेपी की हार पर शिवसेना आक्रामक, गठबंधन के लिए रखीं दो शर्तें: सूत्र
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3 राज्यों में बीजेपी की हार पर शिवसेना आक्रामक, गठबंधन के लिए रखीं दो शर्तें: सूत्र

तीन राज्यो में बीजेपी की हार के बाद शिवसेना के तेवर आक्रामक हैं. 

शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के साथ महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव कराए जाएं...(फाइल फोटो)

रामराजे शिंदे. मुंबई: तीन राज्यो में बीजेपी की हार के बाद शिवसेना के तेवर आक्रामक हैं. पार्टी ने बीजेपी को साफ संकेत दे दिया है कि अगर गठबंधन करना है तो ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार रहे. शिवसेना ने दो शर्तें बीजेपी के सामने रखी हैं. शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के साथ महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव कराए जाएं. दूसरी शर्त यह है कि विधानसभा चुनाव में 155 सीटें शिवसेना को दी जाएं.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटे हैं. विधानसभा में बीजेपी के पास 121 सीटे हैं. शिवसेना के पास 63 विधायक हैं. शिवसेना- बीजेपी को मिलाकर 184 विधायक हैं. इन सीटों को छोडकर 104 सीटें बचती है, उसमें से 85 सीटें शिवसेना मांग रही है लेकिन इतनी सीटे शिवसेना को देने के लिए बीजेपी तैयार नहीं है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी 138 सीटें शिवसेना को देने के लिए राजी है और खुद 150 विधानसभा सीटों पर लड़ना चाहती है. शिवसेना की मांग देखकर लगता है कि बीजेपी मुश्किल से ही इसे पूरा करेगी.

मैं आश्वस्त हूं कि शिवसेना हमारे साथ रहेगी : शाह
उधर, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी के साथ शिवसेना अपना गठबंधन जारी रखेगी. गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने इस साल की शुरूआत में यह घोषणा की थी कि उनकी पार्टी (शिवसेना) भविष्य में चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. शाह ने यह संकेत भी दिया कि भाजपा को 2014 से पहले की तुलना में 2019 से पहले कहीं अधिक सहयोगी दल मिलेंगे.

उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस राज्य स्तर पर शिवसेना नेतृत्व के साथ संपर्क में हैं. शिवसेना केंद्र और राज्य में पहले से सहयोगी दल है तथा यह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ अपना गठबंधन जारी रखेगी." 

एनडीए के सबसे पुराने घटक दल शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन कर 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उसी साल अक्टूबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उससे (भाजपा से) अपना संबंध तोड़ लिया था. दिलचस्प है कि शिवसेना मंगलवार को मुंबई महानगर क्षेत्र और पुणे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उद्घाटन कार्यक्रमों से दूर रही थी. पार्टी ने दावा किया था कि ठाकरे को इन कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था.

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