Bhadra Kaal August 2023: कौन हैं भद्रा, जिनके आते ही डर से कांपने लगते हैं लोग? जानें इतिहास और भद्रा काल में शुभ कार्य न करने की वजह
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Bhadra Kaal August 2023: कौन हैं भद्रा, जिनके आते ही डर से कांपने लगते हैं लोग? जानें इतिहास और भद्रा काल में शुभ कार्य न करने की वजह

Raksha Bandhan 2023 and Bhadra Kaal: इस बार रक्षाबंधन से ठीक पहले 30 अगस्त को भद्रा काल लग रहा है, जिसमें राखी बांधना अशुभ माना जाता है. आखिर ऐसा क्यों है, इसके पीछे का इतिहास क्या है?  

Bhadra Kaal August 2023: कौन हैं भद्रा, जिनके आते ही डर से कांपने लगते हैं लोग? जानें इतिहास और भद्रा काल में शुभ कार्य न करने की वजह

Bhadra Kaal August 2023 and Raksha Bandhan 2023: ज्योतिश शास्त्र के मुताबिक किसी भी मांगलिक कार्य को करते वक्त भद्रा योग का विशेष ध्यान रखा जाता है. इसकी वजह ये है कि भद्रा काल में किसी मंगल-उत्सव की शुरुआत या समाप्ति अशुभ मानी जाती है. इसीलिए कोई भी आस्थावान व्यक्ति भद्रा काल की अशुभता को ध्यान में रखते हुए उस अवधि में कोई शुभ कार्य नहीं करता. इस बार रक्षा बंधन से एक दिन पहले यानी 30 अगस्त को भद्रा लग रही है, जिसमें भाई को राखी बांधना या कोई शुभ कार्य करना अशुभ रहेगा. मानकर कोई भी आस्थावान व्यक्ति शुभ कार्य नहीं करता. आज आपको बताते हैं कि आखिर भद्रा क्या होती है? इसे क्यों अशुभ माना जाता है?

सूर्य देव की पुत्री हैं भद्रा

पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य देव (Bhadra Kaal History) की पुत्री और राजा शनि की बहन है. 'भद्रा' का शाब्दिक अर्थ है 'कल्याण करने वाली' लेकिन अपने भाई शनि की तरह ही उनका स्वभाव भी कड़क बताया गया है. ज्योतिष विज्ञान के अनुसार अलग-अलग राशियों के अनुसार भद्रा तीनों लोकों में घूमती है. जब यह मृत्युलोक में होती है, तब सभी शुभ कार्यों में बाधक या या उनका नाश करने वाली मानी गई है. 

भद्रा काल में नहीं होते शुभ कार्य

तब भद्रा (Bhadra Kaal History) पृथ्वीलोक में रहती है. इस समय सभी कार्य शुभ कार्य वर्जित होते हैं. उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कालगणना या पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया. इसके दोष निवारण के लिए भद्रा व्रत का विधान भी धर्मग्रंथों में बताया गया है. भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों, यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया. हालांकि भद्रा काल में तंत्र कार्य, अदालती और राजनीतिक चुनाव कार्य सुफल देने वाले माने गए हैं.

किस दिन मनाएं रक्षाबंधन?

पंचांग के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन पर पंचक और भद्रा काल (Bhadra Kaal August 2023 and Raksha Bandhan 2023) का निर्माण हो रहा है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि रक्षाबंधन 30 अगस्त (Raksha Bandhan 2023) को मनाएं या फिर 31 अगस्त को.  ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन 31 अगस्त सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा. इसी दिन भद्रा काल का भी निर्माण हो रहा है, जो रात्रि 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगा. लिहाजा इस भद्रा काल में रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाना चाहिए. 

इस बार राखी बांधने (Bhadra Kaal August 2023 and Raksha Bandhan 2023) का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त रात्रि 09 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ होगा. साथ ही जो लोग 30 तारीख को राखी नहीं बंधवा पाएं हों, वे अगले दिन सुबह 07 बजकर 05 मिनट से पहले रक्षाबंधन मना सकते हैं.

 

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