धोनी के व्यंग्य बाण- सिर पर बॉल मारो तो विकेट अच्छा माना जाता है!
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धोनी के व्यंग्य बाण- सिर पर बॉल मारो तो विकेट अच्छा माना जाता है!

महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट कप्तान विराट कोहली का पूरा पक्ष लेते हुए सोमवार को कहा कि पिचों की तभी आलोचना की जाती है जब वह टर्न लेना शुरू कर देती हैं। उन्होंने कहा, जिन पिचों पर बल्लेबाज के सिर पर चोट लगती हैं उन्हें अच्छा माना जाता है। कोहली और टीम प्रबंधन को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले साल घरेलू श्रृंखला में टर्न लेती पिचों पर खेलने के लिये आलोचना का सामना करना पड़ा था और धोनी ने यह जवाब तब दिया जब उनसे इस संदर्भ में वाका की पिच को लेकर सवाल किया गया।

धोनी के व्यंग्य बाण- सिर पर बॉल मारो तो विकेट अच्छा माना जाता है!

पर्थ: महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट कप्तान विराट कोहली का पूरा पक्ष लेते हुए सोमवार को कहा कि पिचों की तभी आलोचना की जाती है जब वह टर्न लेना शुरू कर देती हैं। उन्होंने कहा, जिन पिचों पर बल्लेबाज के सिर पर चोट लगती हैं उन्हें अच्छा माना जाता है। कोहली और टीम प्रबंधन को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पिछले साल घरेलू श्रृंखला में टर्न लेती पिचों पर खेलने के लिये आलोचना का सामना करना पड़ा था और धोनी ने यह जवाब तब दिया जब उनसे इस संदर्भ में वाका की पिच को लेकर सवाल किया गया।

उन्होंने कहा कि अगर आप देखें तो हाहाकार तभी मचता है जब विकेट घूम रहा होता है। किसी के सर पर मार दो उसको अच्छा विकेट माना जाता है। 

 

भारतीय कप्तान की टिप्पणी में व्यंग्य साफ छिपा था क्योंकि कुछ पूर्व आस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने भी नागपुर की पिच की आलोचना की थी जिसमें भारत ने ढाई दिन के अंदर दक्षिण अफ्रीका को हरा दिया था। उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा मैं आस्ट्रेलिया में स्पिन लेते विकेटों की उम्मीद क्यों करूं। यदि मुझे टर्न लेती पिचों पर खेलना है तो मुझे ऐसे विकेट भारत में मिलेंगे। आस्ट्रेलियाई विकेट की खासियत उनकी उछाल है और यह भी एक चुनौती है जिसे हमें स्वीकार करना चाहिए।’ धोनी ने कहा, ‘यह केवल पिचों को लेकर नहीं बल्कि उनकी ( आस्ट्रेलिया) मजबूती है। यहां तक जब वे भारत दौरे पर आते हैं तब भी वे टेस्ट मैचों में चार तेज गेंदबाजों के साथ खेलते हैं। पूरे आस्ट्रेलिया में आपको ऐसी पिचें मिलेंगी जो तेज गेंदबाजों के मददगार होंगी लेकिन स्पिनरों को भी थोड़ी उछाल मिल जाती है।’

उन्होंने कहा, ‘जब खेलों विशेषकर क्रिकेट की बात आती है तो मुझे नहीं लगता कि बदला या नफरत जैसे शब्दों का उपयोग किया जाना चाहिए। एक तरफ आप कहते हो कि यह भद्रजनों का खेल है, इसलिए यह विरोधाभासी बन जाता है।’ धोनी ने इसके साथ ही साफ किया कि मध्यक्रम में पांचवें स्थान पर गुरकीरत सिंह मान या मनीष पांडे में किसी को उतारा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘केवल नंबर पांच का स्थान है जिसमें मैं उन्हें उतार सकता हूं क्योंकि यदि मैं उन्हें नंबर छह पर भेजता हूं तो अच्छे दिन वे 30 से अधिक स्कोर बना सकते हैं और खराब दिन पर केवल दस स्कोर ही बनाएंगे। इस तरह से 15 मैचों के बाद उनका स्कोर 15 के आसपास रहेगा और मीडिया सवाल करना शुरू कर देगा कि इस खिलाड़ी को क्यों नहीं हटाया जा रहा है।’

 धोनी ने कहा, ‘नंबर छह और सात पोजीशन पर बल्लेबाजी करना मुश्किल होता है और मुझे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में दो या तीन खिलाड़ियों से ज्यादा याद नहीं है जो इन स्थानों पर सफल रहे हों। उपमहाद्वीप में उन्हें बल्लेबाजी का अधिक मौका नहीं मिलता। केवल यहां शुरू में विकेट गिरने पर उन्हें बल्लेबाजी का मौका मिल सकता है। ’

 

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