B'Day Special: सचिन तेंदुलकर को 'जीरो' देने वाले 'स्विंग के किंग' के नाम दर्ज है अनोखा रिकॉर्ड
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B'Day Special: सचिन तेंदुलकर को 'जीरो' देने वाले 'स्विंग के किंग' के नाम दर्ज है अनोखा रिकॉर्ड

एक इंटरव्यू में भुवनेश्वर कुमार ने कहा, ''मेरे सामने अभी लंबा करियर है, मेरे कुछ सपने हैं, लेकिन मैंने कितनी विकेट लेनी हैं इसका कोई लक्ष्य तय नहीं किया है. लेकिन मैं चाहता हूं कि जब मैं क्रिकेट से संन्यास लूं तो मेरी आंकड़े ऐसे हों कि भारतीय क्रिकेट में लोग मुझे एक अच्छे गेंदबाज के रूप में याद रखें.''

भुवनेश्वर कुमार उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने सचिन को जीरो पर आउट किया (File Photo)

नई दिल्ली: कई कारणों से भुवनेश्वर कुमार गुजरे हुए दौर के क्रिकेटर लगते हैं. शांत, स्थिर, बिना किसी टैटू के. यही वजह है कि भुवनेश्वर के साथ 'गुड ब्वॉय' की टैग जुड़ गया है. मेरठ के इस विनम्र खिलाड़ी को कई बार उनकी विनम्रता के लिए ही अनदेखा भी कर दिया गया है. लेकिन वह अपनी उपस्थिति को मैदान पर लगातार साबित करते रहे हैं. 2012 में डेब्यू के बाद से भुवनेश्वर का नाम लगातार ऊंचाइयां छूता रहा है. भुवनेश्वर कुमार ने भारतीय तेज गेंदबाजी को नया आयाम दिया है. वह शुरुआती स्पेल में शानदार आगाज करते हैं और डेथ ओवरों में रनगति पर ब्रेक लगाने में कामयाब होते हैं. यह मेरठी पेसर आज (5 फरवरी) 28 साल का हो गया. 

  1. उत्तर प्रदेश के लिए रणजी खेली
  2. 30 दिसंबर 2012 को वनडे क्रिकेट डेब्यू 
  3. 21 टेस्ट में 63, 83 वनडे में 90, 23 टी-20 में 21 विकेट लिए हैं

23 नवंबर को भुवनेश्वर कुमार ने अपनी बचपन की मित्र नूपुर नागर संग शादी की और शादी के बाद वह अपना जन्मदिन मना रहे हैं. 

सचिन तेंदुलकर को जीरो पर आउट कर सुर्खियों में आए
2008-09 के रणजी सीजन में भुवनेश्वर कुमार उस समय सुर्खियों में आए जब उत्तर प्रदेश और मुंबई के बीच हैदराबाद में फाइनल मैच खेला जा रहा था. उस समय तक भुवनेश्वर ने अपना 19वां जन्म दिन भी नहीं मनाया था. इस मैच में युवा स्विंग बॉलर भुवनेश्वर ने सचिन तेंदुलकर को शून्य पर आउट कर दिया था. संयोग से घरेलू क्रिकेट में सचिन पहली बार शून्य पर आउट हुए थे. हालांकि उत्तर प्रदेश यह मैच हार गया था, लेकिन सचिन को आउट करने का भुवनेश्वर का सपना इसी मैच में साकार हुआ था. 

इस मैच से एक दिन पहले भुवनेश्वर कुमार ने ग्रेट मैन की विकेट लेने की बात कही थी. भुवनेश्वर कुमार ने कहा था, ''यह पहला मौका था जब मैं सचिन को गेंदबाजी कर रहा था और सोच रहा था कि क्या होगा यदि मैंने सचिन को आउट कर दिया.'' तब से भुवनेश्वर कुमार ने बहुत लंबा सफर तय किया है. सचिन तेंदुलकर के विकेट से लेकर उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने तक. आज वह टीम इंडिया के साथ क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शामिल है और लगता है कि उनके बिना टीम इंडिया की कल्पना ही नहीं की जा सकती. 

वनडे क्रिकेट में भी रचा इतिहास, पहली ही गेंद पर लिया था विकेट
वनडे क्रिकेट में भुवनेश्वर कुमार का डेब्यू भी बहुत शानदार रहा. पाकिस्तान के खिलाफ अपनी पहली ही अंतरराष्ट्रीय गेंद पर उन्होंने विकेट लिया. 9 ओवरों में केवल 27 रन देकर कुमार ने दो विकेट लिये. इनमें तीन ओवर मेडन थे. इसके बाद से कुमार ने कभी पलट कर पीछे नहीं देखा. 

अनोखा रिकॉर्ड दर्ज 
भुवनेश्वर के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड है. खेल के तीनों प्रारूपों में उनका पहला विकेट बोल्ड है. टी-20 इंटरनेशनल में उन्होंने पाकिस्तान के नासिर जमशेद, वनडे में मोहम्मद हफीज और टेस्ट क्रिकेट में डेविड वॉर्नर को बोल्ड किया है.

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बहन ने क्रिकेट खेलने के लिए पिता को मनाया 
भुवनेश्वर कुमार का जन्म 5 फरवरी 1990 को उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में हुआ था. उन्हें बचपने से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. उनके पिता नौकरी के चलते अक्सर बाहर रहते थे. ऐसे में उनकी बहन रेखा उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया और उनकी उसमें मदद भी की. हालांकि, उनकी अब तक की यात्रा आसान नहीं रही. भुवनेश्वर कुमार अपनी इस यात्रा का श्रेय अपनी बहन रेखा को देते हैं, जिसने पिता को इस बात के लिए राजी किया था कि भुवनेश्वर कुमार को क्रिकेट करियर चुनने दिया जाए.

यह युवा क्रिकेटर तंगहाली के दौर से​ निकलकर करोड़पति बना है. उन्हें अब बीसीसीआई और आईपीएल से करोड़ों का अनुबंध मिलता है. हालांकि जब उन्हें अपना पहला रणजी मैच खेलने के लिए बुलावा आया था तब उनके पास अच्छे जूते भी नहीं थे. तब उनकी बहन ने जूते अरेंज किए थे.

मेरठ ने पहचाना भुवी का टैलेंट
एक छोटे शहर से होने के कारण कुमार के सामने अनेक चुनौतियां थीं. भुवनेश्वर के पिता किरण पाल सिंह ने मेरठ में ही रहने का फैसला किया था. एक बार उनके पिता ने कहा था, ''मेरे लिए मेरठ से दिल्ली आना बहुत आसान था. यहां आकर मैं भुवनेश्वर का नाम पंजीकृत करा सकता था. लेकिन मैंने महसूस किया कि दिल्ली क्रिकेट का हब है और यहां खेलने वाले खिलाड़ी का हुजूम है. ऐसे में यह संभव था कि भुवनेश्वर को खेलने का मौका न मिलता. यह अच्छा हुआ कि उनकी प्रतिभा को मेरठ में रहते हुए पहचाना गया. आज केवल मेरठ उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरी दुनिया उनकी प्रतिभा का लोहा मान रही है.''

हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में संपन्न हुई तीन टेस्ट मैचों में कुमार ने दो टेस्ट में 10 विकेट लिए और 100 से अधिक रन बनाए. तीसरे टेस्ट मैच में उनके ऑल राउंड प्रदर्शन ने टीम के लिए जीत के दरवाजे खोले.

2014 में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन 
एक खिलाड़ी के रूप में भुवनेश्वर कुमार के लिए इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज यादगार रही. भारतीय पिचों पर भुवनेश्वर कुमार ने दो बार 5-5 विकेट के साथ 19 विकेट लिए और 247 रन बनाए. इनमें तीन अर्धशतक भी शामिल थे. उन्हें 'मैन ऑफ द सीरीज' का पुरस्कार भी मिला. विकेट लेने के साथ ही भुवनेश्वर कुमार बहुत किफायती गेंदबाज भी हैं.

पिछले 2 सालों से IPL में पर्पल कैप जीतने वाले खिलाड़ी 
वनडे में उनकी इकोनॉमी 5 से भी कम है. यहां तक कि आईपीएल में उनकी इकोनॉमी 7 है, जिसे टी-20 में शानदार माना जाता है. वह आईपीएल इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में छठे नंबर हैं. उन्होंने 90 मैचों में 111 विकेट लिए हैं. पिछले दो साल से वह आईपीएल में पर्पल कैप जीतने वाले (आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले को मिलती है) खिलाड़ी हैं. 

संन्यास लूं तो लोग एक अच्छे गेंदबाज के रूप में याद रखें
5 फरवरी को भुवनेश्वर कुमार 28 साल के हो रहे हैं. उन्हें अभी क्रिकेट में बहुत दूर तक जाना है. हाल ही में एक इंटरव्यू में भुवनेश्वर कुमार ने कहा, ''मेरे सामने अभी लंबा करियर है, मेरे कुछ सपने हैं, लेकिन मैंने कितनी विकेट लेनी हैं इसका कोई लक्ष्य तय नहीं किया है. लेकिन मैं चाहता हूं कि जब मैं क्रिकेट से संन्यास लूं तो मेरी आंकड़े ऐसे हों कि भारतीय क्रिकेट में लोग मुझे एक अच्छे गेंदबाज के रूप में याद रखें.''

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बल्लेबाजी में भी दिखाए हैं कमाल 
हम सब जानते हैं कि भुवनेश्वर कुमार ने कई मौकों पर अपनी शानदार बल्लेबाजी से टीम को संकट से बाहर निकाला है. उनकी बल्लेबाजी लगतार बेहतर होती जा रही है. भारतीय टीम यह उम्मीद करती है कि वह आने वाले दिनों में बालिंग ऑल राउंडर के रूप में उभरें. एक ऐसा ऑल राउंडर जिसकी भारत को सालों से तलाश है.

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