श्रीकांत 1989 में पाकिस्तानी दौरे पर भारतीय टीम के कप्तान थे. यही वह दौरा था जहां 16 वर्षीय सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला कदम रखा था. श्रीकांत टेस्ट और वन डे दोनों के कप्तान थे.
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नई दिल्ली: कृष्णमाचारी श्रीकांत 21 दिसंबर 1959 को पैदा हुए. 80 के दशक में भारत के सबसे आकर्षक ओपनर श्रीकांत 1983 की विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे. इसके 28 साल बाद जब भारत ने दोबारा वर्ल्ड कप जीता तो वह चयन समिति में शामिल थे. यानी इस बार 'चैंपियन टीम' चुनने का श्रेय उन्हें मिला. श्रीकांत ने 43 टेस्ट 146 वन डे मैच खेले. आज उनके जन्मदिन पर उन्हीं के जीवन से जुड़ी ऐसी बातें जिन्हें शायद आप न जानते हों:
1. श्रीकांत ने इलैक्ट्रिकल इंजीयरिंग की पढ़ाई की थी. वह गुईंडी के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में पढ़े थे.
2. श्रीकांत का चयन अंडर 19 टीम के लिए हुआ और उन्होंने 1979 में अंडर 19 पाकिस्तान की टीम के साथ सीरीज खेली. चंद्रकांत पंडित, किरण मोरे और गोपाल शर्मा भी इस टीम के सदस्य थे. 1984 में जिंबाब्वे का दौरा करने वाली युवा भारतीय टीम के सदस्य बने श्रीकांत. इस टीम में रवि शास्त्री, नवजोत सिंह सिद्धू, लालचंद राजपूत, मोहम्मद अजहरुद्दीन, राजू कुलकर्णी, शिवरामाकृष्णन, मनोज प्रभाकर और सदानंद विश्वनाथ भी थे.
3. न्यूमरोलॉजी के चलते श्रीकांत ने अपने नाम की स्पेलिंग बदल दी थी. पहले उनके नाम की स्पेलिंग Shrikant थी जिसे बदल कर Srikkanth कर दिया गया. वास्तव में, जब श्रीकांत ने अपनी एक वेबसाइट शुरू की जिसमें ट्यूटोरियल्स बेचे जाते थे तो उनकी कीमत 990 रुपए रखी गयी थी. क्योंकि श्रीकांत का मानना था कि 9 उनके लिए भाग्यशाली है.
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4. श्रीकांत ने मुंबई के वानखड़े स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. उनका डेब्यू खासा शर्मनाक रहा था. उन्होंने गेंद को ऑफ साइड में मारा और कैजुअली क्रीज से बाहर आ गये. जॉन एंबुरी ने गेंद पकड़कर उनके स्टंप बिखेर दिए और वह रन आउट हो गए.
5. 1983 के विश्व कप के फाइनल में श्रीकांत दोनों टीमों की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे. 38 रनों की उनकी पारी को मोहिंदर अमरनाथ के ऑल राउंड प्रदर्शन, बलविंदर सिंह संधू की जादुई डिलीवरी और कपिल देव के करिश्माई कैच के चलते भुला दिया गया, अन्यथा उनके 38रनों की बदौलत ही भारत 183रन बना पाया था और फाइनल में वेस्ट इंडीज को 43 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप जीता था.
6. 1984 में गुलाम पारकर पाकिस्तानी दौरे पर चोटिल हो गये थे. श्रीकांत को पता चला कि टीम में उन्हें चुना गया है. वह मुंबई पहुंचे लेकिन वहां जाकर पता चला, यह अफवाह है. यह भी उनके लिए एक शर्मनाक पल था.
7. 10 दिसंबर 1988 से पहले तक श्रीकांत ने 103 वनडे मैचों में से सिर्फ 13 मैचों में गेंदबाजी की थी. लेकिन इस दिन विशाखापत्तनम में न्जूयीलैंड के खिलाफ श्रीकांत ने 27 रन देकर 5 विकेट लिए. इसी की बदौलत न्यूजीलैंड 196 पर ढेर हो गयी. श्रीकांत ने 70रनों की पारी भी खेली. इसके दो मैच बाद ही श्रीकांत ने 32 रनों पर 5 विकेट लिए और 222 रनों का बचाव किया.
8. तमिलनाडु के पूर्व तेज गेंदबाज भरत कुमार श्रीकांत के जीजा हैं. उन्होंने श्रीकांत की बहन सरिकला से विवाह किया है.
9. श्रीकांत 1989 में पाकिस्तानी दौरे पर भारतीय टीम के कप्तान थे. यही वह दौरा था जहां 16 वर्षीय सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला कदम रखा था. श्रीकांत टेस्ट और वन डे दोनों के कप्तान थे.
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10. श्रीकांत 1983 की विश्व कप जीतने वाली कपिल देव की टीम के सदस्य थे और इसके लगभग 28 साल बाद धोनी के नेतृत्व में 2011 का विश्व कप जीतने वाली टीम के चयनकर्ताओं में शामिल थे.
11. श्रीकांत के दोनों बेटे अनिरुद्ध और आदित्य अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए क्रिकेट में अपना करियर बनाने की कोशिश में लगे हैं. हालांकि, आदित्य एज ग्रुप से आगे नहीं बढ़ पाया लेकिन अनिरुद्ध तमिलनाडु में लगातार घरेलू क्रिकेट खेल रहा है. वह कुछ समय अंडर 19 टीम का हिस्सा भी रहे. इसके बाद वह चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइज हैदराबाद के लिए भी खेले.
12. 2013 में श्रीकांत ने डांस रियलिटी शो झलक दिखला जा में भाग लिया. श्रीकांत इसमें भाग लेने वालों में सबसे अधिक उम्र के थे. वह इस प्रतियोगिता के शुरू में ही एलीमीनेट कर दिए गए थे.
13. 2010 में श्रीकांत ने करियरस्ट्रोक्स नाम से एक वेबसाइट शुरू की, जिसमें कॉरपोरेट मामलों पर लेक्चर होते थे, ताकि युवा इससे फायदा उठा सकें.
14. भारतीय क्रिकेट में श्रीकांत को सबसे जॉली माना जाता है. वह अक्सर चुटकुले सुनाते रहते हैं और उनके पूरा हावभाव में हास्य मौजूद रहता है.