BCCI सेक्सुअल हैरेसमेंट केस पर दिल्ली के इस एक्स टॉप कॉप की है नजर
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BCCI सेक्सुअल हैरेसमेंट केस पर दिल्ली के इस एक्स टॉप कॉप की है नजर

नीरज कुमार इस साल 7 अप्रैल में आईपीएल की शुरुआत तक एसीएसयू के प्रमुख थे. 31 मई तक वह इसके एडवाइजर रहे. ताकि वह इस बड़े टूर्नामेंट पर नजर रख सकें. 

नीरज कुमार का कहना है कि वह इस शिकायत को लेकर सजग हैं (फाइल फोटो)

चंद्रशेखर लूथरा/नई दिल्ली: बीसीसीआई के टॉप ऑफिशियल्स एक टॉप एम्प्लाई पर लगे सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोपों पर चुप्पी साधे हैं. एंटी करप्शन और सिक्योरिटी यूनिट (एसीएसयू) के तत्कालीन प्रमुख नीरज कुमार का इस मामले में कहना है कि वह महिला एम्प्लाई द्वारा की गई सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत के प्रति जागरूक हैं. उन्होंने हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए से कहा, अधिकृत रूप से मैं इस सारे मामले से जुड़ा नहीं हूं, लेकिन मैं इतना अवश्य जानता हूं कि बीसीसीआई में ऐसी कोई शिकायत दर्ज की गई है. 

बता दें कि नीरज कुमार इस साल 7 अप्रैल में आईपीएल की शुरुआत तक एसीएसयू के प्रमुख थे. 31 मई तक वह इसके एडवाइजर रहे. ताकि वह इस बड़े टूर्नामेंट पर नजर रख सकें. आईपीएल के एक टॉप अधिकारी ने भी यह स्वीकार किया है कि इस मामले को कवर करने के प्रयास किए गए. 

इस अधिकारी ने बताया, सेक्सुअल हैरेसमेंट के मामले को दबाने की कोशिश की गई, इसलिए नहीं कि आरोपी को बचाया जाए बल्कि इसलिए कि आईपीएल को किसी विवाद से बचाया जा सके. बीसीसीआई के सीनियर अधिकारी ने कहा, मुझे याद है कि आईपीएल की एक बैठक में सेक्सुअल हेरेसमेंट के इस मामले का जिक्र आया था. इस पर अनौपचारिक बातचीत भी हुई. तब यह सलाह दी गई कि इस मामले को कालीन के नीचे छिपा दिया जाए ताकि आईपीएल की किसी भी तरह की नकारात्मक पब्लिसिटी न हो. 

जब इस अधिकारी से यह पूछा गया कि आईपीएल के समाप्त होने पर इस मामले को क्यों नहीं उठाया गया तो उस अधिकारी का जवाब था, आईपीएल के बाद मुझे कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स से दूर रखा गया. नीरज कुमार का भी यह दावा है कि बोर्ड भी वर्क प्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट से संबंधित गाइडलाइंस को फॉलो नहीं करता. 

टॉप अधिकारी का कहना है, यह पूरा मामला 12 फरवरी का है जब एक महिलाकर्मी ने सेक्सुअल हैरेसमेंट के चलते इस्तीफा दिया. लेकिन बोर्ड में कोई ऐसी कमेटी नहीं है जो इस तरह के मामलों को देख सके और जब बोर्ड की अपनी कमेटी का अप्रैल में गठन हुआ तो सब जानते थे कि आरोपी के एक खास शख्स को इस कमेटी का हिस्सा बनाया गया है. 

गौरतलब है कि बीसीसीआई की अपनी शिकायत कमेटी का गठन सेक्सुअल हेरेसमेंट ऑफ वुमन एट वर्कप्लेस के सेक्शन 4, एक्ट 2013 के तहत किया गया था. 20 अप्रैल 2018 करीना कृपलानी प्रीसाइडिंग ऑफिसर बनीं. वीना गौड़ा, पूर्व क्रिकेटर सबा करीम और रूपावती राव कमेटी के अन्य सदस्य थे. 

डीएनए ने पहले एक पत्र का खुलासा किया था. यह पत्र क्रिकेट एसोसिएशन आफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने सीओए को लिखा था. इसमें यह दावा किया गया था कि सीओए के प्रमुख विनोद राय और डायना एडुल्जी की मुंबई के एक होटल में 27 फरवरी 2018 को सेक्सुअल हेरेसमेंट मामले में बैठक हुई ताकि मामले पर कोई समझौता हो सके. 

आदित्य वर्मा ने कहा कि उनके इस पत्र के बाद ही राय को औपराचिक शिकायत, 2 मार्च 2018 को भेजी गई. 5 मार्च को राय ने मेल एक्जीक्यूटिव और आरोपी को दिल्ली के लिए समन जारी कराया और उन्हें इस मामले की गंभीरता बताई. डीएनए ने राय और एडुल्जी से लगातार संपर्क की कोशिश की, लेकिन उस तरफ से कोई जवाब नहीं आया. डीएनए को विश्वास है कि बीसीसीआई का एक वर्ग इस मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग ले जाने की सोच रहा है.

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