पाकिस्तान चुनाव: 26 साल पहले इमरान ने राजनीति को कहा था 'ना', अब बनने जा रहे हैं PM
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पाकिस्तान चुनाव: 26 साल पहले इमरान ने राजनीति को कहा था 'ना', अब बनने जा रहे हैं PM

इमरान खान अपने क्रिकेटीय जीवन में पाकिस्तानी क्रिकेटरों के सरपरस्त थे, अब मुल्क के सरताज बनने जा रहे हैं

पाकिस्तान को वर्ल्डकप जिताने वाले इमरान खान के चाहने वाले भारत में भी काफी तादात में थे. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : पाकिस्तान चुनाव के बाद सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की राह पर सबसे आगे हैं.  इमरान खान की पहली पहचान हमेशा उस क्रिकेट कप्तान के रूप में रहेगी जो मैदान पर नामुमकिन को मुमकिन बनाने का माद्दा रखता था और जिसने अपनी टीम को विश्व विजेता बनने का ख्वाब दिखाया और पूरा भी किया. अस्सी के दशक में कई अंतरराष्ट्रीय कप्तान रहे लेकिन क्रिकेट के मैदान पर एक ही अगुआ था और वह इमरान खान था. 

  1. इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की ओर
  2. अपने जमाने में मशहूर क्रिकेटर रहे हैं इमरान
  3. कई पाकिस्तानी दिग्ग्जों को बढ़ावा दिया था इमरान ने

यह वह दौर था जब भारतीय टीम अक्सर पाकिस्तान से हार जाया करती थी. अक्तूबर और नवंबर में जाड़े की धूप में अपने श्वेत श्याम टीवी के आगे दूरदर्शन पर नजरें गड़ाये बैठे भारतीय क्रिकेटप्रेमी यही सोचा करते थे कि काश इमरान उनका कप्तान होता. संजय मांजरेकर ने अपनी आत्मकथा ‘इमपरफेक्ट’ में लिखा था कि अगर इमरान खान उसके कप्तान होते तो वह बेहतर क्रिकेटर होते. 

अपने दौर में बेहतरीन हरफनमौला रहे इमरान विश्व स्तरीय तेज गेंदबाज रहे लेकिन अपनी कप्तानी के दम पर उन्होंने जो इज्जत कमाई, उसने उन्हें अलग ही जमात में ला खड़ा किया. भारत के पूर्व स्पिनर मनिंदर सिंह ने कहा, ‘‘वह उनका कप्तान, कोच, मुख्य चयनकर्ता सभी कुछ था. वह प्रतिभा का पारखी था और काफी जिद्दी भी.’’ 

उस दौर में कई हरफनमौलाओं के बीच श्रेष्ठता की जंग छिड़ी थी. कपिल देव नैसर्गिक प्रतिभा के धनी थे तो रिचर्ड हैडली बेहद अनुशासित. इयान बाथम जीनियस थे और इमरान खान दुनिया के किसी भी बल्लेबाज में दहशत भरने का माद्दा रखते थे. आक्सफोर्ड से पढे इमरान की शख्सियत सबसे जुदा थी. 

कई दिग्गज खिलाड़ियों के सरपरस्त रहे थे इमरान
वसीम अकरम उनसे ज्यादा कलात्मक गेंदबाज थे लेकिन अगर इमरान उनके सरपरस्त नहीं होते तो कैरियर में वह इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाते. अकरम रिवर्स स्विंग के सुल्तान कहलाये जिन्होंने इमरान से ही यह कला सीखी थी. एक दिन टीवी पर घरेलू मैच देखते हुए इमरान ने युवा तेज गेंदबाज को देखा. उन्होंने पीसीबी अधिकारियों से उसके बारे में पता करने को कहा. वह लड़का वकार युनूस था. 

इंजमाम उल हक भी इमरान की ही खोज थे जो 1992 विश्व कप के सितारे रहे. एक कप्तान के तौर पर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि जावेद मियांदाद के साथ तालमेल बिठाने की रही. दोनों की शख्सियत जुदा थी लेकिन साथ में खेलते हुए दोनों बेहद कामयाब रहे. भारत में इमरान की लोकप्रियता जबर्दस्त हुआ करती थी. वह जहां जाते भीड़ जुट जाती. उन्होंने थम्सअप और सिंथाल का विज्ञापन भी किया. 1992 का वर्ल्ड कप जीतने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इमरान खान को राजनीति में आने का ऑफर दिया था लेकिन तब उन्होंने इनकार कर दिया. बाद में 1996 में उन्होंने अपनी पार्टी बनाई.

रिटायर होकर वापस आए और वर्ल्डकप जिताया
वह 1987 विश्व कप के बाद रिटायर हो चुके थे लेकिन उन्हें फैसला बदलना पड़ा. उन्होंने 1992 विश्व कप में वापसी की और चोट के कारण बतौर बल्लेबाज अधिक खेले. विश्व कप 1992 में टास से पहले इयान चैपल से बात करते हुए इमरान ने सफेद रंग का टीशर्ट पहन रखा था. उसके किनारे पर बाघ बना हुआ था जो बानगी दे रहा था कि कप्तान का किरदार कैसा हो. 

पाकिस्तान को विश्व कप जिताकर क्रिकेट को अलविदा कहने वाले इमरान जैसी विदाई बिरलों को ही मिलती है. बतौर सियासतदां इमरान कैसे साबित होंगे, यह तो मुस्तकबिल ही तय करेगा लेकिन एक क्रिकेटर और कप्तान के रूप में वह हमेशा कद्दावर रहेंगे. 

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