IND vs SA: बाउंसी पिच की मांग को डुप्लेसिस ने बताया सही, कहा- भारत में हमें घास वाली पिच नहीं मिलेगी
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IND vs SA: बाउंसी पिच की मांग को डुप्लेसिस ने बताया सही, कहा- भारत में हमें घास वाली पिच नहीं मिलेगी

दक्षिण अफ्रीका ने तीन मैचों की श्रृंखला 2-1 से जीत दर्ज की, लेकिन तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच की पिच चर्चा का विषय रही.

दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डुप्लेसिस. (फाइल फोटो)

जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डुप्लेसिस ने कहा कि भारत के खिलाफ हाल में समाप्त हुई टेस्ट श्रृंखला में उछाल वाली पिचों की मांग करने में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि भारतीय टीम स्वदेश में उनका स्वागत कभी ‘घसियाली पिच’ से नहीं करेगी. दक्षिण अफ्रीका ने तीन मैचों की श्रृंखला 2-1 से जीत दर्ज की, लेकिन तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच की पिच चर्चा का विषय रही. कई विशेषज्ञों ने वांडरर्स के विकेट को खतरनाक करार दिया जिसमें असमान उछाल थी. विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम ने साहस का परिचय देते हुए डटकर बल्लेबाजी की और इस मैच में जीत दर्ज की.

  1. डुप्लेसिस ने लचर क्षेत्ररक्षण और गेंदबाजों को दोष दिया जिन्होंने सही लाइन पर गेंदबाजी नहीं की.
  2. डुप्लेसिस ने कहा, 'मुझे लगता है कि दोनों पारियों में हमने कुछ शॉर्ट और वाइड गेंदें की.'
  3. दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने कहा कि वांडरर्स का विकेट खतरनाक नहीं था.

वांडरर्स का विकेट खतरनाक नहीं था
डुप्लेसिस ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘चाहे वह एक प्रतिशत हो या पांच या दस प्रतिशत आप जितना भी फायदा ले सकते हो आपको उसकी कोशिश करनी चाहिए. जब भी हम भारत दौरे पर जाते हैं तो हमें वहां सपाट घसियाली पिच पर खेलने को नहीं मिलता है. ’’ दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने कहा कि वांडरर्स का विकेट खतरनाक नहीं था. उन्होंने कहा, ‘‘पहले और दूसरे दिन मुझे ऐसा नहीं लगा (कि विकेट खतरनाक था). मैं केवल तभी थोड़ा चिंतित हुआ जब डीन (एल्गर) के चेहरे पर गेंद लगी. उस समय मैं खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिये थोड़ा चिंतित हुआ.’’

बहुत अधिक मूवमेंट मुश्किल होता है
डुप्लेसिस ने कहा, ‘‘यहां तक कि भारतीय पारी के दौरान भी कुछ खिलाड़ियों की उंगलियों लगातार गेंद लगी. मुझे लगता है कि आप गिनोगे कि कितनी बार गेंद खिलाड़ियों पर लगी तो यह सामान्य से अधिक होगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि बहुत अधिक मूवमेंट मुश्किल होता है, लेकिन खतरनाक नहीं. जब खिलाड़ियों को गुडलेंथ गेंद से चोट लगने लगी तब हमने सोचा कि यह खतरनाक हो सकता है. इसलिए हमारे पास लक्ष्य हासिल करने का मौका था लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाये.’’

पिच की बात को एक तरफ रखा जाए तो डुप्लेसिस ने कहा कि उनकी टीम तीसरे मैच में अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पायी और उसने परिस्थितियों का अच्छी तरह से फायदा नहीं उठाया. उन्होंने कहा, ‘‘हम शुरू से ही अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाये. यहां तक कि पहली पारी में भी हमने उन्हें 30 रन अधिक बनाने दिये. मुझे याद है कि विराट कोहली को दो या तीन जीवनदान मिले. यहां तक कि दूसरी पारी में भी हमें उन्हें 180 के आसपास रोकना चाहिए था. ऐसे में आखिरी पारी में हमारे पास 160 रन का लक्ष्य होता.’’

हमने सही लाइन पर गेंदबाजी नहीं की
डुप्लेसिस ने लचर क्षेत्ररक्षण और गेंदबाजों को दोष दिया जिन्होंने सही लाइन पर गेंदबाजी नहीं की. उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी क्षमता के हिसाब से अच्छा मैच नहीं रहा. हमने कुछ कैच टपकाये. मेरा मानना है कि इस तरह के विकेट पर आपके लिये यह सुनिश्चित करना जरूरी है तो आप सीधी लाइन पर गेंदबाजी करो.’’

डुप्लेसिस ने की भारतीय गेंदबाजों की तारीफ 
डुप्लेसिस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दोनों पारियों में हमने कुछ शॉर्ट और वाइड गेंदें की जिससे उन्हें अधिक गेंदें छोड़ने का मौका मिला. बल्लेबाजी की बात करें तो भारतीय गेंदबाजों ने हमें अधिक से अधिक गेंदें खेलने के लिए मजबूर किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय गेंदबाज इन परिस्थितियों में काफी सफल रहे. इसलिए जब हम अगली बार खेलें तो यह ध्यान रखना होगा कि वे इस वजह से यहां सफल रहे.’’

(इनपुट एजेंसी से भी)

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