IND vs SL : धर्मशाला वनडे में टीम इंडिया की शर्मनाक हार के 5 कारण
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IND vs SL : धर्मशाला वनडे में टीम इंडिया की शर्मनाक हार के 5 कारण

अनिश्चितता वाले विकेट पर एक बार फिर से भारतीय टीम की कमजोरी खुलकर सामने आ गई. पूरी टीम 50 ओवर भी नहीं खेल पाई और 112 रनों पर आउट हो गई.

कम स्काेर का मैच होने के कारण भारतीय फैंस को निराशा हुई. photo : IANS

नई दिल्ली : भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे मैच में यहां पहले बल्लेबाजी करते हुए 112 रन पर ढेर हो गई. भारत की ओर से महेंद्र सिंह धोनी ने सर्वाधिक 65 रन बनाए. श्रीलंका की तरफ से सुरंगा लकमल ने चार और नुवान प्रदीप ने दो विकेट चटकाए. अनिश्चितता वाले विकेट पर एक बार फिर से भारतीय टीम की कमजोरी खुलकर सामने आ गई. पूरी टीम 50 ओवर भी नहीं खेल पाई और 112 रनों पर आउट हो गई. श्रीलंका ने ये मैच 7 विकेट से जीत लिया.

  1. श्रीलंका ने पहला ही वनडे 7 विकेट से जीता
  2. रोहित शर्मा कर रहे थे टीम की कप्तानी
  3. महेंद्र सिंह धोनी ने बनाए सबसे ज्यादा रन

इस मैच में टीम इंडिया ने अपना तीसरा सबसे न्यूनतम स्कोर बनाया. बाउंसी और हरी विकेट पर टीम इंडिया के हार के 5 कारण ये रहे....

टॉस हारना और मैच हारना : धर्मशाला वनडे में मैच से पहले ही यह कह दिया गया था कि जो टीम टॉस जीतेगी, मैच में जीतने की संभावना उसकी उतनी ही अधिक होंगी. टॉस श्रीलंका ने जीता और फील्डिंग चुनी. बाकी का काम उसके गेंदबाजों ने पूरा कर दिया. हालांकि विकेट बल्लेबाजी के लिए मुश्किल था, लेकिन इतना भी मुश्किल नहीं था कि उस पर टीम 112 रन बनाकर आउट हो गई.

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सुरंगा लकमल ने फिर बांधा पुलिंदा : श्रीलंका के तेज गेंदबाज सुरंगा लकमल ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि अगर भारतीय दौरे में उन्हें उनके मुताबिक पिच दीं, तो वह भारतीय बल्लेबाजी का पुलिंदा बांध देंगे. कोलकाता टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने जो खतरनाक तेवर दिखाए थे, उसी का दोहराव उन्होंने धर्मशाला में कर दिया. 10 ओवर के स्पेल में लकमल ने 4 ओवर मेडन फेंके और 4 विकेट लिए. उन्होंने अपने स्पेल में बस 13 रन दिए.

जसप्रीत बुमराह की फिर से वही नोबॉल : इस मैच में जसप्रीत बुमराह ने वही गलती की, जो उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ की थी. उन्होंने जिस बॉल पर विकेट लिया, वह नोबॉल थी. उस मैच में फकर जमान को नोबॉल फेंकी थी और उन्होंने उस मैच में बड़ी पारी खेली थी. उसी तरह इस मैच में उन्होंने जिस बॉल पर थरंगा को आउट किया, वह नोबॉल थी. थरंगा ने भी इस छोटे से स्कोर वाले मैच में 49 रनों की पारी खेली. जिस समय बुमराह की गेंद पर थरंगा ने कैच थमाया, उस समय वह दहाई के आंकड़े पर पहुंचे ही थे. अगर उस समय वह आउट हो जाते तो मैच का रुख बदल भी सकता था.

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अजिंक्य रहाणे को न खिलाना : इस मैच में अजिंक्य रहाणे को शामिल नहीं किया गया. भले वह श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ज्यादा सफल नहीं रहे हों, लेकिन 2014 में, उन्होंने धर्मशाला में वेस्ट इंडीज में शिखर धवन और विराट कोहली के साथ दो 70-70 रनों की साझेदारियां निभाई थीं. इसकी बदौलत ही भारत वेस्ट इंडीज से सीरीज 2-1 से जीत पाया था. पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ रनों का पीछा करते हुए भी रहाणे ने अहम पारी खेली थी, जिसकी बदौलत भारत 16 ओवर शेष रहते मैच जीत गया था. मोहाली में 2011 में रहाणे ने इंग्लैंड के खिलाफ रनों का पीछा करते हुए टीम को जीत दिलाई थी. उन्होंने सर्वाधिक 91रन बनाए थे. इस तरह से रहाणे को इस मैच में न खिलाना एक बड़ी गलती रही.

टीम इंडिया की बल्लेबाजी : धर्मशाला के विकेट पर टीम इंडिया की बल्लेबाजी कितनी घटिया थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि टीम के 4 बल्लेबाज तो खाता भी नहीं खोल सके. यहां तक कि 15 बॉल खेलकर जसप्रीत बुमराह कोई रन नहीं बना सके.

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