आईपीएल की ब्रैंड वैल्यू 6.3 अरब डॉलर तक पहुंची, ये टीम है सबसे अमीर
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आईपीएल की ब्रैंड वैल्यू 6.3 अरब डॉलर तक पहुंची, ये टीम है सबसे अमीर

कोलकाता नाइटराइडर्स 104 मिलियन डॉलर की ब्रैंड वैल्यू के साथ दूसरे नंबर पर है.

2017 में आईपीएल की वैल्यू 5.3 अरब डॉलर था जोकि इस साल 6.3 अरब डॉलर का हो गया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुंबई. विश्व की सबसे महंगी क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की ब्रैंड वैल्यू में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2017 में आईपीएल की वैल्यू 5.3 अरब डॉलर था जोकि इस साल 6.3 अरब डॉलर का हो गया है. ग्लोबल वैल्यूएशन और कॉरपोरेट फाइनेंस एडवाइजर्स डफ एंड फेल्प्स की ओर से बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल की वैल्यू 18.9 प्रतिशत बढ़कर 6.3 अरब डॉलर का हो गया है.

मुंबई इंडियंस टॉप पर
रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई इंडियंस 113.0 मिलियन डॉलर की ब्रैंड वैल्यू के साथ लगातार तीसरे सीजन में शीर्ष पर कायम है. वहीं कोलकाता नाइटराइडर्स 104 मिलियन डॉलर की ब्रैंड वैल्यू के साथ दूसरे नंबर पर है. ऑन-फील्ड परफॉर्मेंस और महेंद्र सिंह धोनी फैक्टर की मदद से चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) को नेगेटिव इंपैक्ट से बाहर आने में मदद मिली है. सीएसके और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर दोनों की ब्रैंड वैल्यू 98.0 मिलियन डॉलर है. इसके बाद लिस्ट में सनराइजर्स हैदराबाद, दिल्ली डेयरडेविल्स, किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स है.

यह भी पढ़ें-IPL: प्लेयर्स की टी-शर्ट तक बेचकर पैसा कमाती हैं टीमें

डफ एंड फेल्प्स के प्रबंध निदेशक संतोष एन ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हमारी आईपीएल की ब्रैंड वैल्यू रिपोर्ट न केवल भारत में खेल की लोकप्रियता को बल्कि विपणन और वैश्वीकरण के लाभान्वित क्लबों के साथ आधुनिक क्रिकेट व्यापार के विकास को भी दशार्ती है."

कैसे हुई IPL की शुरुआत
बिजनेस, एंटरटेनमेंट और स्‍पोर्ट्स को एक प्लेटफॉर्म पर लाने का श्रेय ललित मोदी को जाता है. ललित मोदी ही वह शख्स थे जिसने IPL को भारत के लिए एक बेशकीमती खेल बना दिया. 2007 में जब इसकी शुरुआत हुई तो किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह इतना बड़ा प्लेटफॉर्म बनेगा.

क्या है IPL का बिजनेस प्लान
कम ही लोग जानते हैं कि IPL का बिजनेस प्‍लान भी है. दरअसल, बिजनेस प्लान के मुताबिक ही प्राइवेट कंपनियों को फ्रेंचाइजी खरीदने के लिए आमंत्रण दिए जाते हैं. क्रिकेट टीम के लिए फ्रेंचाइजी बड़ा निवेश करती हैं. फ्रेंचाइजी के बाद कॉरपोरेट्स भी क्रिकेट में निवेश के लिए आकर्षित होते हैं. तमाम दिग्गज कंपनियां न सिर्फ को-ऑनरशिप लेती हैं बल्कि विज्ञापन के जरिए भी करोड़ों रुपए बहाया जाता है. यही वह रास्‍ता है जहां से IPL की ब्रांड वैल्यू तैयार होती है.

(इनपुट-एजेंसी)

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