IPL नीलामी: मोटापे के कारण पांच साल क्रिकेट दूर रहे, लगाए 5 गेंदों में 5 छक्के, हो गए सुपरहिट
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IPL नीलामी: मोटापे के कारण पांच साल क्रिकेट दूर रहे, लगाए 5 गेंदों में 5 छक्के, हो गए सुपरहिट

शिवम मुंबई रणजी टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं. बेंगलुरु ने उन्हें 5 करोड़ में खरीदा.

शिवम ने कल यानी मंगलवार को ही 7 आसमानी छक्के लगाकार सुर्खियां बटोरी थीं...(फोटो: PTI)

नई दिल्ली: "दुबे जी, आज अपने बेटे को क्या खिलाते हो, वह बड़े-बड़े छक्के लगाता है" ये सवाल कभी भूतपूर्व भारतीय खिलाड़ी व कोच चंद्रकांत पंडित ने शिवम दुबे के पिता से पूछा था. शिवम मुंबई रणजी टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं. 25 वर्षीय ऑलराउंडर शिवम दुबे पर सबकी निगाहें थीं. बेंगलुरु ने उन्हें 5 करोड़ में खरीदा. उनका बेस प्राइस 20 लाख रुपए था. कल मंगलवार को ही शिवम ने 7 आसमानी छक्के लगाकार सुर्खियां बटोरी थीं. शिवम दुबे का ओवरवेट से लेकर सिक्सर किंग बनने का सफर भी कम हैरानीभरा नहीं रहा. 

शिवम के स्कूल के कोच नीलेश भोसले का याद करते हुए कहते हैं कि वह ग्राउंड में पूरी तरह से अनफिट था. वह प्रतिभाशाली क्रिकेटर था लेकिन मोटा था. उसके पिता राजेश दुबे मैदान पर आते थे कि शिवम को ताजा गाय का दूध, बादाम और पिस्ता मिल सके. शिवम की बॉलिंग के कमाल से हमारे स्कूल ने अंडर-14 का खिताब जीता लेकिन फिटनेस की कमी और पीठ दर्द की समस्या के चलते उसका करियर प्रभावित हुआ. 

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, फिटनेस न होने के कारण शिवम को 5 साल तक मैदान से दूर रहना पड़ा. 14 से 19 साल तक शिवम को टीम से बाहर रहने के मजबूर होना पड़ा. इस पर शिवम इसे निजी कारण बताते हुए कहते हैं, "मेरे पिता फिर से मुझे वापस क्रिकेट के मैदान पर लेकर आए. उन्हें क्रिकेट को कोई समझ नहीं थी लेकिन उन्हें मुझे इस गेम को खेलने के लिए बढ़ावा दिया. उन्होंने मेरे घर के पास एक छोटी सी पिच भी बनवाई."   

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शिवम ने अपनी यात्रा के बारे में आगे बताया, "मैंने फिर से अंडर-19 में क्रिकेट खेलना शुरू किया. यह बिल्कुल नई शुरुआत थी." शिवम ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके शानदार प्रदर्शन को देखकर उसे मुंबई की रणजी टीम में जगह दी गई. इस रणजी सीजन की तीन पारियों में शिवम ने 99.50 की औसत से 199 रन बनाए. दो मैचों में उसने मुंबई की ओर सबसे ज्यादा विकेट लिए.

वैसे शिवम को बचपन से ही क्रिकेट से प्यार था. जब वह छह वर्ष का था तो उनके घर पर काम करने वाले नौकर ने बॉल फेंकने से इनकार कर दिया था क्योंकि शिवम उसकी हर गेंद को बिल्डिंग के बाहर भेज रहा था. शिवम ने उस घटना को याद करते बताया, "उसने (नौकर ने) मेरे पिता को बताया कि मैं गेंद को लगातार बाहर भेजता रहा." उसके पिता को एक बार तो विश्वास ही नहीं हुआ कि उसके छह वर्षीय बेटे ने इतनी ताकत से स्ट्रोक लगाए हैं. उन्होंने भी शिवम के सामने कुछ गेंदें फेंकी लेकिन उस समय हैरान रह गए जब उनका भी वही हश्र हुआ जो उनके नौकर का हुआ था. 

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