धोनी ने इस इवेंट के दौरान कहा, मां-बाप बच्चों को स्टेडियम तक तो पहुंचा रहे हैं, लेकिन उनसे मेहनत नहीं करवा पा रहे. एसी और मिलने वाली तमाम सुविधाएं बच्चों का स्टेमिना खत्म कर रहा है. कुछ साल खेलने के बाद ही उनका शरीर जवाब देने लगता है. यह चिंता का विषय है.'
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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को श्रीलंका में चल रही निडास ट्रॉफी से आराम दिया गया है. इस दौरान धोनी अपने परिवार के साथ वक्त बिता रहे हैं. इसी के साथ-साथ धोनी कई इंवेंट्स में भी शिरकत कर रहे हैं. ऐसे ही एक इवेंट के दौरान धोनी ने अगले विश्व कप, बच्चों के खेलने और फिटनेस को लेकर कई बातें भी कहीं हैं. धोनी ने इवेंट के दौरान कहा, भारतीय, खेल में आगे हैं लेकिन फिटनेस में पिछड़ जाते हैं. खेल के लिए प्रतिभा के साथ फिटनेस भी बेहतर होनी चाहिए. यूपी में प्रतिभा की कमी नहीं है. यहां के गेंदबाजों को स्विंग में महारत रही है.
धोनी ने अगले साल होने वाले विश्व कप में खेलने के लिए खुद को फिट बताते हुए कहा कि वह इसके लिए तैयारी जरूर करेंगे. धोनी ने अगले विश्व कप टूर्नामेंट में खेलने की सम्भावनाओं के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि जहां तक फिटनेस का सवाल है तो अगर मैं फिट नहीं होता तो अब तक क्रिकेट क्यों खेल रहा होता?
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धोनी ने इस इवेंट के दौरान कहा, मां-बाप बच्चों को स्टेडियम तक तो पहुंचा रहे हैं, लेकिन उनसे मेहनत नहीं करवा पा रहे. एसी और मिलने वाली तमाम सुविधाएं बच्चों का स्टेमिना खत्म कर रहा है. कुछ साल खेलने के बाद ही उनका शरीर जवाब देने लगता है. यह चिंता का विषय है.'
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इस इवेंट के दौरान बच्चों और बड़ों सभी में एक बार फिर से धोनी के प्रति दीवानगी देखने को मिली. दरअसल, इवेंट के दौरान जब एक बच्चे को स्टेज पर बुलाया गया तो वह धोनी को देखते ही उनके सामने दंडवत हो गया. इस बच्चे ने लेटकर धोनी के पैर छुए. धोनी ने भी अपने इस फैन को गले से लगा लिया और एक गिफ्ट भी दिया.
धोनी ने कहा कि दुनिया में क्रिकेट का दायरा बढ़ रहा है. अफगानिस्तान और नेपाल में अच्छे खिलाड़ी निकल रहे हैं. खासकर अफगान टीम का खेल देखकर क्रिकेट के आगे बढ़ने के अच्छे संकेत मिलते हैं. उन्होंने एक सवाल पर कहा कि पहले मां-बाप अपने बच्चे को खेलने पर डांटते-फटकारते थे, मगर आज वे उन्हें मैदान में भेज रहे हैं. बात यह है कि वे बच्चों को इतनी सहूलियतें दे रहे हैं कि बच्चे गर्मी और लू में मैदान में नहीं टिक पाते हैं.
(भाषा के इनपुट के साथ)