दाएं -बाएं के कॉम्बो वाले इस क्रिकेटर को उम्मीद, जरूर पास कर लेंगे यो-यो टेस्ट
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दाएं -बाएं के कॉम्बो वाले इस क्रिकेटर को उम्मीद, जरूर पास कर लेंगे यो-यो टेस्ट

वाशिंगटन सुंदर ने 11 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया. 

यो-यो टेस्ट में फेल हुए थे वाशिंगटन सुंदर (File Photo)

नई दिल्ली : तमिलनाडु के युवा ऑलराउंडर एमएस वाशिंगटन सुंदर ने पिछले दिनों क्रिकेट प्रशंसकों को बेहत प्रभावित किया है, लेकिन वह फिटनेस का यो यो टेस्ट नहीं कर पाए. रविवार को उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि वे भविष्य में यह टेस्ट पास कर लेंगे. इस साल आईपीएल से सुर्खियों में आए सुंदर पुणे सुपरजाइंट की तरफ से खेल रहे थे. हाल ही में उन्होंने दिलीप ट्रॉफी में 11 विकेट लेकर अपने भीतर की संभावनाओं को प्रकट किया है, लेकिन बेंगलुरू की नेशनल क्रिकेट अकादमी के इस यो यो टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर फेल हो गए. 

  1. टीम इंडिया में एंट्री के लिए सबको पास करना होगा यो यो टेस्ट
  2. वाशिंगटन सुंदर ने बेंगलुरू में यो यो टेस्ट दिया था 
  3. तमिलनाडु के कप्तान ने त्रिपुरा के खिलाफ शानदार 156 नाबाद रनों की पारी खेली थी

टीम इंडिया में जगह के लिए सबको पास करना होगा यह टेस्ट

रणजी ट्रॉफी ग्रुप सी मैच में त्रिपुरा के खिलाफ सुंदर ने पहला शतक जमाया. वहीं, उन्होंने बताया कि उन्होंने बेंगलुरू में यो यो टेस्ट दिया, लेकिन इसके रिजल्ट के बारे में उसी दिन नहीं पता चल पाया. सुंदर ने कहा, मैं वहां गया और मैंने यो यो टेस्ट में हिस्सा लिया. अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो मुझे अखबारों से पता चला कि मैं टेस्ट में फेल हो गया हूं. किसी ने इस बारे में मुझसे कोई बात नहीं की. इसके रिजल्ट के बारे में मुझे बाद में पता चला. 

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एनसीए की ओर से क्या उन्हें कोई दिशानिर्देश दिए गए? इस सवाल के जवाब में सुंदर ने कहा, यदि वे मुझे फिर बुलाते हैं तो मैं निश्चित रूप से जाऊंगा और उम्मीद है कि भविष्य में मैं इस टेस्ट को पास कर लूंगा. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज से पहले यो-यो टेस्ट लिया गया था. इस टेस्ट को पास करने के बाद आशीष नेहरा और दिनेश कार्तिक ने टीम में वापसी की थी तो वहीं, सुरेश रैना, युवराज सिंह और अजिंक्य रहाणे जैसे दिग्गज इसमें पिछड़ गए थे. 

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बता दें कि बाएं हाथ के तमिलनाडु के कप्तान ने त्रिपुरा के खिलाफ शानदार 156 नाबाद रनों की पारी खेली थी. सुंदर ने कहा, किसी भी युवा के लिए शतक बनाना शानदार होता है. मुझे मुरली विजय की अनुपस्थिति में पारी की शुरुआत करने का मौका मिला था. मैं इस अवसर का लाभ उठाना चाहता था. मुझे खुशी है कि मैं ऐसा कर पाया. सुंदर ने कहा, मुझे लगता है कि मैं ओपनिंग बल्लेबाज हूं, मुझे पारी ओपन करना हमेशा अच्छा लगता है. मैं टीम के लिए हर भूमिका निभाने के लिए तैयार रहता हूं. 

आंध्र प्रदेश के खिलाफ सुंदर को गेंदबाजी करने के बहुत ज्यादा मौका नहीं मिला. क्या वह इससे निराश हुए? इस पर उनका कहना था, कतई नहीं. क्योंकि मैं अश्विन को जानता हूं. वह टेस्ट में नंबर 1 गेंदबाज हैं. मुझे ये बातें समझनी चाहिए. मैं हमेशा टीम की जरुरतों को ध्यान में रखकर अपनी भूमिका तय करता हूं. चाहे पारी की शुरुआत हो या गेंदबाजी के मौके.

दाएं हाथ से बॉलिंग और बाएं हाथ से बैटिंग
बता दें कि सुंदर के परिवार के और भी कई सदस्य क्रिकेट से जुड़े हैं. शुरुआती दिनों में सुंदर के पिता ने ही उन्हें कोचिंग दी. वहीं, उनकी बहन भी क्रिकेट खेल चुकी हैं. सुंदर ने 11 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया. पहली बार चेन्नई में सेकंड डिविजन लीग खेली. सुंदर की मजेदार बात ये है कि वो दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर हैं, लेकिन बल्लेबाजी बाएं हाथ से करते हैं.

कौन है वाशिंगटन सुंदर 
वाशिंगटन सुंदर का जन्म 5 अक्टूबर 1999 को चेन्नई में हुआ था. 2016 में तमिलनाडु रणजी टीम में वाशिंगटन सुंदर का चयन हुआ.  6 अक्टूबर 2016 को सुंदर ने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच मुंबई के खिलाफ खेला.

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