'माता-पिता पहले अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई की तरफ भेजते थे, क्योंकि इससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा महसूस होती थी, लेकिन अब खेल एक करियर का विकल्प बना गया है।'
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नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ खेलों में दो बार स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला निशानेबाज हिना सिद्धू ने गुरुवार को कहा कि निशानेबाजी ने भारत में लंबा सफर तय किया है, और इसकी प्रसिद्धि देखते हुए उन्हें अच्छा लगता है. हिना ने समाचार चैनल सीएनबीसी-टीवी18 के साथ बातचीत में यह बात कही. हिना ने कहा, 'खेल अब हमारी संस्कृति का हिस्सा बन गया है. इन दिनों युवा खिलाड़ियों को आगे आते देख काफी अच्छा लगता है.'
हिना ने कहा कि माता-पिता की सोच को बदलता देख अच्छा लगता है. 'माता-पिता पहले अपने बच्चों को पढ़ाई लिखाई की तरफ भेजते थे, क्योंकि इससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा महसूस होती थी, लेकिन अब खेल एक करियर का विकल्प बना गया है.' अब माता पिता अपने बच्चों को खेल के प्रति प्रोत्साहित करते हैं.
एक नजर इनके करियर पर
हिना सिध्दू को साल 2014 में प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड से नवाजा जा चुका है. ये अवार्ड उनको दिया जाता है, जो अपने खेल में पिछले 4 सालों से बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे होते है और उस वर्ष उनका प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ होता है. कॉमनवेल्थ खेलों में साल 2010 और 2018 में हिना ने गोल्ड मेडल जीता था. वहीं 2013 और 2017 के महिला निशानेबाजी के विॆश्व कप में भी गोल्ड मेडल जीता था. 2014 में हिना महिला निशानेबाजी विश्व की नंबर 1 की खिलाड़ी भी बनीं. इसके अलावा अन्य कई चैंपियनशिप में अनेकों मे़डल अपने नाम कर हिना ने भारत का नाम रौशन किया है. इसके अलावा हिना ने एशियाई खेलों में भी मेडल जीते हैं. साल 2010 में सिल्वर और 2014 और 2018 में ब्रॉंज मेडल अपने नाम कर चुकी हैं.
पेशे से डेंटल सर्जन हैं 'गोल्डन गर्ल' शूटर हिना सिद्धू
जी हां, हिना सिध्दू केवल खेल में ही आगे नहीं हैं. उन्होंने पटियाला से ही डेंटिस्ट की पढाई की है और वो दंत चिकित्सक भी हैं. हिना को बचपन से ही बंदूक चलाने का शौक था. पहले वे खिलौने वाली बंदूक से खेलती थी. वे बचपन में घर की छत पर बंदूक से ईंटों पर निशाना साधा करती थीं. विरासत में मिलीं बंदूकों से खेलीं हिना की ख्वाहिश डॉक्टर बनने की थी. उन्होंने डेंटल सर्जन की पढ़ाई की है.
मी टू पर यह कहा हिना सिद्धू ने
इस मौके पर उनसे ये भी पूछा गया कि 'क्या खेल की दुनिया में भी मी टू जैसी घटनाएं होती हैं?' जिसपर उन्होंने हांमी भरते हुए कहा कि 'ऐसा जरूर होता होगा, पर अभी तक कोई सामने नहीं आया है.' इससे पहले मीटू पर बैडमिंटन की महिला खिलाड़ी अपना समर्थन जता चुकी हैं इनमें ज्वाला हालाकि जैसा कि हिना ने कहा, निशानेबाजी में मी टू जैसा वाक्या अभी तक सामने नहीं आया है.