FIFA U17 World Cup 2017: मिलिए जैक्‍सन सिंह से, जिन्‍होंने 'फीफा' में पहले गोल से रचा इतिहास
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FIFA U17 World Cup 2017: मिलिए जैक्‍सन सिंह से, जिन्‍होंने 'फीफा' में पहले गोल से रचा इतिहास

भारतीय फुटबॉल टीम में खेलने का सपना देखते आए जैक्सन को उस दिन का बेसब्री से इंतजार है जिस दिन वह विश्व कप में भारत की जर्सी पहनेंगे और देश के लिए ट्रॉफी जीतेंगे. 

जैक्सन सिंह (फाइल फोटो)

फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में खेल रहे जैक्सन सिंह थौनाओजाम ने सोमवार को कोलंबिया के खिलाफ गोल दागकर अपने नाम रिकॉर्ड कर लिया है. जैक्सन किसी भी स्तर के फीफा वर्ल्ड कप में गोल करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. भारत की मेजबानी में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेला जा रहा मैच रोमांचक मोड़ पर था. जैक्सन ने मेहमान टीम के खिलाफ 82 वें मिनट में गोल दागकर 1-1 से बराबरी कर ली. इसके बाद कोलंबिया टीम दबाव में आ गई. भारत की लगातार दूसरी हार जरूर हुई लेकिन इस बीच मणिपुर का एक सितारा चमका जिससे आने वाले मैचों में सभी को बहुत उम्मीदें हैं. 

  1. मणिपुर के छोटे से गांव में हुआ जन्म 
  2. पिता ने सिखाए फुटबॉल के शुरुआती गुर 
  3. कई रिजेक्शन के बाद हुए भारत की अंडर-17 टीम में शामिल 

मणिपुर के थोउबल जिले के हाओखा ममांग गांव में जन्मे 6 फीट 2 इंच के जैक्सन के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. उनके पिता कोंथुआजम देबेन सिंह को 2015 में लकवा मार गया और उन्हें मणिपुर पुलिस की अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी. परिवार का खर्च मां के ऊपर आ गया. वे रोज 25 किलोमीटर दूर इम्फाल के ख्वैरामबंद बाजार में जाकर सब्जी बेचती और घर का खर्च चलातीं. बेटों को खेल के लिए प्रोत्साहित करती रहतीं क्योंकि वे भी बॉस्केट बॉल प्लेयर रही थीं और खेल की अहमियत समझतीं थीं. जैक्सन के बड़े भाई जोनिचंद सिंह कोलकाता प्रीमियर लीग में पीयरलेस क्लब के लिए खेलते हैं.

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जैक्सन के पिता देबेन हरफनमौला खिलाड़ी थे. मणिपुर के कुछ क्लब्स के लिए उन्होंने फुटबॉल खेला था. उन्होंने ही जैक्सन और भारतीय अंडर-17 टीम के कप्तान अमरजीत सिंह कियाम को शुरुआती ट्रेनिंग दी थी. बाद में जैक्सन को चंडीगढ़ फुटबॉल एकेडमी भेजा गया और यहां उन्होंने अपने फुटबॉल की बारीकियां सीखीं. कुछ समय तक यहां चंडीगड़ एकेडमी के लिए खेला और फिर यहां से मिनर्वा FC में शामिल हो गए. 

भारत की अंडर-17 टीम में शामिल होने के लिए उन्हें पूर्व कोच निकोलाई एडम से कई बार रिजेक्शन मिला लेकिन हार नहीं मानी और आखिरकार अंडर-17 टीम पर मिनर्वा FC की जीत के बाद कोच लुइस नॉर्टन डे माटोस ने उन्हें और चार अन्य खिलाड़ियों को स्क्वॉड में शामिल किया. यहीं से उनके सुनहरे सफर की शुरुआत हुई. हमेशा से भारतीय फुटबॉल टीम में खेलने का सपना देखते आए जैक्सन को उस दिन का बेसब्री से इंतजार है जिस दिन वह विश्व कप में भारत की जर्सी पहनेंगे और देश के लिए ट्रॉफी जीतेंगे. 

 

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