हॉकी वर्ल्ड कप में भारत की हार पर बोले श्रीजेश, चयन से लेकर कोच हरेंद्र का किया बचाव
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हॉकी वर्ल्ड कप में भारत की हार पर बोले श्रीजेश, चयन से लेकर कोच हरेंद्र का किया बचाव

भारतीय हॉकी गोलकीपर पी आर श्रीजेश का कहना है कि सिर्फ युवाओं के भरोसे भारतीय हाकी टीम को सफलता नहीं मिलेगी. 

पीआर श्रीजेश भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं और टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं. (फोटो : PTI)

चेन्नई: भारतीय हॉकी के लिए साल 2018 में  में दुनिया की टॉप पांच टीमों में शुमार होने के बावजूद भारतीय हॉकी बड़े खिताब को तरसती रही. साल के अंत में देश को भुवनेश्वर में हुए विश्व कप से काफी उम्मीदें थी लेकिन पूल चरण में पदक की उम्मीद जगाने के बाद भारतीय हॉकी टीम क्वार्टर फाइनल में हार गई. इस टीम में युवा खिलाड़ी अनुभवी खिलाड़ियों के मुकाबले ज्यादा थे जिसकी टीम के पूर्व कप्तान और गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने सफाई दी है. 

श्रीजेश ने शुक्रवार को कहा कि सिर्फ युवाओं पर फोकस करने से भारतीय टीम को सफलता नहीं मिलेगी लेकिन हाकी विश्व कप में क्वार्टर फाइनल से बाहर होने के बावजूद हरेंद्र सिंह को कोच बनाये रखने की पैरवी की. अनुभवी एस वी सुनील चोट के कारण और रूपिंदर पाल सिंह खराब फार्म के कारण विश्व कप टीम से बाहर थे.

युवा बनाम अनुभव पर यह कहा श्रीजेश ने
यह पूछने पर कि क्या अब फोकस सिर्फ युवाओं पर होगा, श्रीजेश ने कहा, ‘‘युवा का क्या मतलब है. यदि कोई खिलाड़ी टीम में आता है और तीन या चार साल का अनुभव हो जाता है तो क्या वह बूढा हो गया. सिर्फ युवाओं के दम पर टूर्नामेंट नहीं जीते जाते, उसके लिए अनुभव भी चाहिए.’’ पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘बड़े मैचों में काफी दबाव होता है. ऐसे में अनुभव की जरूरत होती है. अर्जेंटीना ने जब 2016 में ओलंपिक स्वर्ण जीता तो उसकी औसत उम्र 32. 33 साल थी. आपको युवाओं के साथ अनुभवी खिलाड़ी भी चाहिए.’’ 

कोच हरेंद्र का बचाव
हरेंद्र के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अच्छी टीम बनाने के लिये उन्हें और समय चाहिए. उन्होंने कहा,‘‘मैं पिछले 14. 15 साल से हरेंद्र सर को जानता हूं. हर भारतीय खिलाड़ी उन्हें लंबे समय से जानता है. खिलाड़ियों के लिये उनके साथ रहना आसान है. कोई भी कोच अचानक आकर रातोंरात सब कुछ नहीं बदल सकता.’’ श्रीजेश ने कहा, ‘‘उन्हें अच्छी टीम बनाने और ओलंपिक 2020 पर फोकस रखने के लिये और मौके चाहिए क्योंकि वह बड़ी चुनौती है.’’ 

नीदरलैंड ने हराया था भारत को विश्वकप में
पिछले साल के अंत में हुए हॉकी विश्व कप में मेजबान भारत हॉकी विश्व कप के क्वार्टरफाइनल में ही नीदरलैंड से हार गई थी. नीदरलैंड ने इस मैच में भारत को 2-1 से हरा दिया. इस हार से पहले भारतीय टीम ने पूल मैचों में बढ़िया प्रदर्शन करते हुए बेल्जियम जैसी तगड़ी टीम को 2-2 की बराबरी पर रोक कर पूल में शीर्ष स्थान कायम किया था. बेलजियम की टीम ने ही यह विश्व कप जीता. 

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भारत ने हॉकी विश्व कप में आखिरी बार 1975 में सेमीफाइनल खेला था. तब वह चैंपियन भी बना था. इसके बाद से वह 11 विश्व कप खेल चुका है. इनमें से तीन की मेजबानी खुद भारत ने की है. लेकिन वह कभी सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सका.
 (इनपुट भाषा)

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