सचिन को सुबह उठने में हुई परेशानी तो ले लिया संन्यास
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सचिन को सुबह उठने में हुई परेशानी तो ले लिया संन्यास

क्रिकेट के भगवान कहे जाने सचिन तेंदुलकर क्रिकेट से संन्यास भले ही ले चुके हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता में अभी तक कोई कमी नहीं आई है। अब भी उनके फैंस उनकी जिंदगी से हर छोटी-बड़ी बात को जाने के लिए उत्साहित रहते हैं। सचिन अपने फैंस को कभी निराश नहीं करते, इसलिए अपने जीवन से जुड़ी बातों को वे अक्सर अपने चाहने वालों के साथ शेयर करते ही रहते हैं। इस बार सचिन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की वजह का खुलासा किया है। 

सचिन को सुबह उठने में हुई परेशानी तो ले लिया संन्यास

नई दिल्ली : क्रिकेट के भगवान कहे जाने सचिन तेंदुलकर क्रिकेट से संन्यास भले ही ले चुके हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता में अभी तक कोई कमी नहीं आई है। अब भी उनके फैंस उनकी जिंदगी से हर छोटी-बड़ी बात को जाने के लिए उत्साहित रहते हैं। सचिन अपने फैंस को कभी निराश नहीं करते, इसलिए अपने जीवन से जुड़ी बातों को वे अक्सर अपने चाहने वालों के साथ शेयर करते ही रहते हैं। इस बार सचिन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की वजह का खुलासा किया है। 

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सचिन तेंदुलकर ने खुलासा किया कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का पहला विचार उनके दिमाग में अक्टूबर 2013 में चैंपियंस लीग टी20 मैच के दौरान आया था जो उनके अलविदा कहने के फैसले से एक महीने पहले ही था।

तेंदुलकर हाल में पेशेवर नेटवर्किंग साइट ‘लिंक्डइन’ से ‘इंफ्लुएंसर’ के तौर पर जुड़े और उन्होंने ‘माई सेंकेड इनिंग्स’ शीषर्क के लेख में उन्होंने लिखा, ‘अक्तूबर 2013 के दौरान दिल्ली में चैम्पियंस लीग मैच के दौरान ऐसा हुआ था। ’ उन्होंने खेल के बाद अपनी जिंदगी के बारे में बताते हुए कहा, ‘मेरी सुबह जिम वर्कआउट के साथ शुरू होती है जो मैं पिछले 24 साल से कर रहा हूं। लेकिन उस दिन अक्टूबर की सुबह कुछ बदल गया। मैंने महसूस किया कि मुझे खुद को उठाने के लिए जोर लगाना पड़ा। मैं जानता था कि जिम ट्रेनिंग मेरे क्रिकेट का अहम हिस्सा है जो पिछले 24 साल से मेरी जिंदगी का हिस्सा रही है। फिर भी यह अनिच्छा थी। क्यों? ’ 

तेंदुलकर ने लिखा, ‘क्या ये संकेत थे... संकेत थे कि मुझे रुक जाना चाहिए? संकेत था कि जो खेल मेरे लिए इतना अहम रहा है, वह मेरी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा नहीं होगा? जिसे मैं सबसे ज्यादा प्यार करता हूं।’ यह सारी बातें वे हैं, जो संन्यास को लेकर सचिन तेंदुलकर के मन में सबसे पहले आई थीं। इसके एक महीने बाद नवंबर 2013 में सचिन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। 

सचिन ने ब्लॉग में लिखा, ‘सुनील गावस्कर मेरे हीरो में से एक हैं। एक बार उन्होंने बताया कि जब मेरी नजर बार-बार घड़ी पर पड़ने लगी और मैं देखने लगा कि लंच और टी-टाइम होने में कितना वक्त है, तब मुझे लगा कि अब खेल को अलविदा कहने का समय गया है। अचानक मुझे समझ आया कि उनके कहने का मतलब क्या था। मेरा दिमाग और शरीर मुझे भी ऐसे ही संकेत देने लगा था। कुछ साल पहले विंबलडन के दौरान बिली जीन किंग के कहे शब्द याद रहे थे। उस समय उन्होंने कहा था खिलाड़ी को खुद पता होता है कि उसे खेल कब छोड़ना है। यह आपके अंतर्मन की आवाज होती है। आपके संन्यास लेने का फैसला दुनिया को मत करने दो।’ 

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