रिलायंस जियो (Reliance Jio) के बाजार में आने के बाद से दूसरी टेलीकॉम कंपनियां भी सस्ते टैरिफ प्लान लॉन्च कर रही हैं. पिछले दिनों जियो के सस्ते प्लान लाने के बाद सभी कंपनियों ने बाजार में किफायती दर वाले टैरिफ पेश किए थे.
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नई दिल्ली : रिलायंस जियो (Reliance Jio) के बाजार में आने के बाद से दूसरी टेलीकॉम कंपनियां भी सस्ते टैरिफ प्लान लॉन्च कर रही हैं. पिछले दिनों जियो के सस्ते प्लान लाने के बाद सभी कंपनियों ने बाजार में किफायती दर वाले टैरिफ पेश किए थे. अब फिर एयरटेल ने अपने प्रीपेड यूजर्स के लिए 219 रुपये का नया रीचार्ज पैक पेश किया है. नए टैरिफ प्लान में आपको अनलिमिटेड वॉयस कॉल के साथ ही रोजाना 1.4 GB 3G/4G डाटा मिलेगा. इस प्लान की वैधता 28 दिन है.
ऑफर के तहत आपको इसके अलावा हर दिन 100 एसएमएस भी मुफ्त मिलेंगे. अगर आप भी 219 रुपये वाले प्लान लेना चाहते हैं तो रीचार्ज कराने के लिए आपको माय एयरटेल एप और कंपनी की वेबसाइट पर जाना होगा. इससे पहले एयरटेल ने 249 रुपये का नया प्रीपेड रीचार्ज पैक लॉन्च किया था. वहीं, 349 रुपये वाले रीचार्ज पैक को भी अपग्रेड किया था.
249 रुपये वाले पैक से रीचार्ज कराने पर 28 दिन तक हर दिन 2 GB डाटा मिलेगा. 349 रुपये वाले पैक में यूजर्स को इस्तेमाल के लिए हर दिन 3 GB डाटा 28 दिन तक मिलेगा. इसके अलावा एयरटेल के 499 रुपये वाले प्लान में 82 दिन के लिए यूजर को इस्तेमाल के लिए 2 हर दिन GB डाटा मिलता है.
इससे पहले खबर आई कि डाटा वार के चक्कर में एयरटेल को बड़ा नुकसान हुआ है. पिछले 15 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब एयरटेल को नुकसान हुआ है. वित्त वर्ष 2017-18 के चौथे क्वॉर्टर में भी कंपनी को प्राइसिंग के मोर्चे पर रिलायंस जियो के आक्रामक रुख का सामना करना पड़ा. इसके अलावा उसके इंटरनेशनल टर्मिनेशन रेट्स (ITR) में भी कमी आई है.
652 करोड़ का हुआ घाटा
सुनील मित्तल के नेतृत्व वाली कंपनी ने जारी नतीजों में एक्सेप्शनल आइटम्स को हटाकर मार्च तक के तीन महीनों में नेट लॉस 652.3 करोड़ रुपए का रहा. सालभर पहले की इसी तिमाही में कंपनी ने 770.8 करोड़ रुपए का नेट मुनाफा हुआ था. एयरटेल में सिंगटेल की 39.5 पर्सेंट हिस्सेदारी है.
अफ्रीकी कारोबार से मुनाफा
टेलीकॉम मार्केट की लीडर कंपनी एयरटेल ने चौथे क्वॉर्टर में कंसॉलिडेटेड बेसिस पर 83 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया. लेकिन, यह सालभर पहले के मुकाबले 78 पर्सेंट कम है. अफ्रीकी कामकाज में सुधार आने से कंसॉलिडेटेड बेसिस पर नेट मुनाफा हुआ है. कंपनी ने अफ्रीकी कारोबार ने 698.7 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया है.
प्राइस वॉर से घटी आय
कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 10.5 पर्सेंट घटकर 19634 करोड़ रुपए रही. भारत में डेटा और वॉयस रेट्स में और गिरावट आने के कारण ऐसा हुआ. करीब 77 पर्सेंट हिस्सा रखने वाले भारतीय कारोबार से आमदनी साल दर साल आधार पर 13 पर्सेंट घटकर 14795.5 करोड़ रुपए रही.
'ITR में कमी से पड़ा फर्क'
कंपनी के एमडी (इंडिया एंड साउथ एशिया) गोपाल विट्टल के मुताबिक, टेलीकॉम इंडस्ट्री अब भी लागत से कम वाली और घटाई गई प्राइसिंग का सामना कर रही है. इंटरनेशनल टर्मिनेशन रेट्स में कमी से इंडस्ट्री की आमदनी पर इस क्वॉर्टर में और विपरीत असर पड़ा है. कॉल रिसीव करने वाले लोकल नेटवर्क्स को इंटरनेशनल ऑपरेटर ITR का भुगतान करते हैं.
सबसे ज्यादा लगी चपत
एयरटेल के पास 30.4 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं. वहीं वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर 60 पर्सेंट से ज्यादा सब्सक्राइबर बेस को सेवा दे रही हैं. ऐसे में पहली फरवरी से आईटीआर को 45 पर्सेंट घटाकर 30 पैसे प्रति मिनट किए जाने से इन तीन कंपनियों को सबसे ज्यादा चपत लगी.
क्या होता है IUC?
आईटीआर में बदलाव से इन कंपनियों के लिए हालत बदतर हो गई क्योंकि ये पिछले साल 1 अक्टूबर से लोकल इंटरकनेक्ट चार्जेज में 57 पर्सेंट कटौती के असर से जूझ रही थीं. आईयूसी वह टेलीकॉम कंपनी चुकाती है, जिसके नेटवर्क से कॉल शुरू हुई है. यह चार्ज उस कंपनी को मिलता है, जिसके नेटवर्क पर कॉल रिसीव हो.