चुपचाप आपके मोबाइल में घुसकर बैंक अकाउंट खाली कर रहा है ये वायरस
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चुपचाप आपके मोबाइल में घुसकर बैंक अकाउंट खाली कर रहा है ये वायरस

स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक बुरी खबर है. एक वायरस 40 फीसदी भारतीयों को अपना शिकार बनाता हुआ उनकी जेब खाली कर रहा है. 

47 देश बनें 'जैफेकॉपी ट्रोजन' मालवेयर का शिकार (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक बुरी खबर है. एक वायरस 40 फीसदी भारतीयों को अपना शिकार बनाता हुआ उनकी जेब खाली कर रहा है. माना जा रहा है कि शिकार हुए लोगों का आंकड़ा तेजी से बढ़ सकता है, क्योंकि ज्यादातर लोगों को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के करीब 47 देशों के कई मोबाइल यूजर्स को ये वायरस शिकार बना कर उनके बैंक अकाउंट को धीरे-धीरे खाली कर चुका है. साइबर सिक्योरिटी फर्म कास्पर्स्की ने एक रिपोर्ट के जरिए इस बात का खुलासा किया है.

  1. मोबाइल वायरस कर रहा है लोगों की जेब खाली
  2. 47 देश बनें 'जैफेकॉपी ट्रोजन' मालवेयर का शिकार
  3. भारत में 40 फीसदी लोग हैं इस मालवेयर से पीड़ित

रिपोर्ट के मुताबिक, 'जैफेकॉपी ट्रोजन' नाम का मालवेयर भारत में कई मोबाइल में घुस गया है. यह वायरस काफी एडवांस है. इसके आने के बाद भी स्मार्टफोन सामान्य तौर पर ही काम करता है, जिससे आपको इसकी भनक भी नहीं लगती कि आपके फोन में कोई वायरस आ गया है.

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ये वायरस वायरलेस एप्ल‍िकेशन प्रोटोकॉल (वैप) बिलिंग प्लैटफॉर्म के जरिए अपने शिकार के मोबाइल में घुसता है. वैप एक मोबाइल पेमेंट सिस्टम है. इससे किया गया खर्च सीधे आपके मोबाइल बिल में जुड़ता है. ये स्मार्ट वायरस बड़ी आसानी से सभी सिक्योरिटी फीचर को मात देकर अलग-अलग सर्विसेज को सब्सक्राइब कर लेता है और मोबाइल यूजर को पता चले बिना पेमेंट कर देता है.

अगर आप सोच रहे हैं कि आपने अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड किसी भी साइट पर रजिस्टर नहीं किया है तो आपको ये वायरस नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा तो ये गलत है. क्योंकि आपने अपना कार्ड किसी साइट पर रजिस्टर नहीं भी किया है तो भी तो भी यह बड़ी आसानी से सर्विस सब्सक्राइब करके पैसे उड़ा ले जाता है.

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हर मोबाइल में कैप्चा सिस्टम होता है जो कुछ शब्दों और अंकों का एक ग्रुप होता है, जो यह तय करता है कि कंप्यूटर पर कोई टास्क एक इंसान की तरफ से ही किया जा रहा है. 'जैफेकॉपी ट्रोजन'  मालवेयर इस सिस्टम को भी आसानी से गच्चा दे देता है.

वायरस से बचने के लिए सुझाव दिया जा रहा है कि किसी भी थर्ड पार्टी के ऐप्स को डाउनलोड न करें. इसके अलावा मोबाइल पर एंटी वायरस और अन्य सिक्योरिटी मेजर्स का ध्यान रखें.

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