जेटली का बजट भाषण खत्‍म होते ही वित्‍त मंत्रालय से 'दौड़' पड़े ये 100 से ज्‍यादा लोग, जानें क्‍यों
Advertisement

जेटली का बजट भाषण खत्‍म होते ही वित्‍त मंत्रालय से 'दौड़' पड़े ये 100 से ज्‍यादा लोग, जानें क्‍यों

यह नजारा गुरुवार को नॉर्थ ब्‍लॉक स्थित वित्‍त मंत्रालय के गेट नंबर दो पर दिखा. इस गेट से जब ये सरकारी कर्मचारी निकल रहे थे, तब ऐसा लग रहा था मानो किसी स्‍कूल की छुट्टी हो गई हो. ये सभी लोग बेहद तेजी में दिखे. 

केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संसद में बजट 2018 पेश किया. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : गुरुवार को केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली का बजट भाषण जैसे ही खत्‍म हुआ, वैसे ही वित्‍त मंत्रालय के 100 से अधिक कर्मचारियों के लिए राहत और फुर्सत के पल आए और एक करीब हफ्ते के बाद ये सभी अपने घरों की तरफ दौड़ पड़े. इन 100 से ज्‍यादा कर्मचारियों में क्‍लास-ए अफसरों से लेकर निचले स्‍तर तक के सभी कर्मचारी शामिल थे.

  1. हफ्ते भर से बजट की तैयारियां में बेहद व्‍यस्‍त थे ये कर्मचारी.
  2. अपने घर-परिवारवालों से मिल ही नहीं पाए थे ये लोग.
  3. बजट छपाई के दौरान वित्त मंत्री पर भी लागू होते हैं कड़े नियम.

यह नजारा गुरुवार को नॉर्थ ब्‍लॉक स्थित वित्‍त मंत्रालय के गेट नंबर दो पर दिखा. इस गेट से जब ये सरकारी कर्मचारी निकल रहे थे, तब ऐसा लग रहा था मानो किसी स्‍कूल की छुट्टी हो गई हो. ये सभी लोग बेहद तेजी में दिखे. 

दरअसल, ये सभी लोग पिछले एक हफ्ते से बजट की तैयारियां में इतने अधिक व्‍यस्‍त थे कि अपने घर-परिवारवालों से मिल ही नहीं पाए थे. ये सभी वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में बजट छाप रहे थे. बजट की छपाई के दौरान जब भी समय मिलता, तो ये यहीं लगाए गए बिस्‍तरों पर आराम करते थे. इसके साथ ही बेसमेंट में नहाने-धोने की पूरी व्‍यवस्‍था होती है. साथ ही चाय-नाश्‍ते और खाने का भी पूरा इंतजाम रहता है. बजट छपाई के दौरान यहां सभी ग्रेड के अधिकारी-कर्मचारी लगे रहते हैं.

यह भी पढ़ें- Budget Analysis : इनकम टैक्स में राहत नहीं, म्यूचुअल फंड से होने वाली कमाई पर भी देना होगा टैक्स

आपको बता दें कि साल 1980 से ही नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बजट छपाई का काम किया जा रहा है. दैनिक भास्‍कर में प्रकाशित खबर के अनुसार, बजट छपाई का अनुभव ले चुके वित्त मंत्रालय के एक कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर उसे बताया कि ये स्‍टाफ संसद में बजट भाषण शुरू होते ही बैग लेकर तैयार हो जाता हैं. बजट भाषण समाप्‍त होने के बाद ही इन्हें मंत्रालय से बाहर जाने की इजाजत मिलती है.

यह भी पढ़ें- Analysis : मोदी सरकार के बजट में देश के 'शंभुओं' को गांव में रोकने की कोशिश!

इतना ही नहीं, बजट छपाई के दौरान कड़े नियम सिर्फ इन कर्मचारियों पर ही नहीं, बल्कि वित्त मंत्री पर भी लागू होते हैं. बेसमेंट में होने वाली छपाई के दौरान सुरक्षा और नियम इतनी कड़े होते हैं कि वित्त मंत्री भी इस एरिया में मोबाइल फोन लेकर नहीं जा सकते. छपाई के आखिरी चार से पांच दिन वाले दौर में यहां रूके हुए सभी कर्मचारियों को अपने घरवालों से संपर्क करने की अनुमति भी नहीं होती है. हालांकि अगर घर में किसी इमरजेंसी के दौरान उन्‍हें मंत्रालय के लैंडलाइन से फोन करने की इजाजत दी जाती है, लेकिन यह बातचीत भी निगरानी में ही होती है और इसकी रिकॉर्डिंग की जाती है. सिर्फ यही नहीं, बजट छपाई के दौरान अगर किसी स्‍टाफ की तबियत खराब होती है तो उसे कड़ी सुरक्षा में इलाज के लिए बाहर लाया जाता है. हालांकि इस दौरान कोशिश यही रहती है कि बजट छपाई के काम में लगे स्‍टाफ को बजट भाषण की समाप्ति के बाद ही मंत्रालय से बाहर जाने दिया जाए.

Trending news