Union Budget 2018: अरुण जेटली ने कहा, विनिवेश के जरिए 80 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य
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Union Budget 2018: अरुण जेटली ने कहा, विनिवेश के जरिए 80 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य

जेटली ने कहा कि मजबूत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को बाजार से पूंजी जुटाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है ताकि वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अपनी साख बढ़ा सकें.

 केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का आम बजट पेश किया. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आगामी वित्त वर्ष में विभिन्न सरकारी इकाइयों के विनिवेश से 80,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसके साथ ही उसे उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 में वह इस मद में एक लाख करोड़ रुपये जुटा लेगी. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने 24 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की है जिसमें एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश शामिल है. उन्होंने कहा कि विनिवेश के लिए 2017-18 का बजटीय अनुमान 72,500 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर रखा गया था और सरकार को पूरी उम्मीद है कि इस लक्ष्य से कहीं अधिक एक लाख करोड़ रुपये तक की राशि जुटा ली जाएगी. वित्तमंत्री ने 2018-19 के लिए विनिवेश का लक्ष्य भी 80,000 करोड़ रुपये रखा है.

  1. वित्तमंत्री ने 2018-19 के लिए विनिवेश का लक्ष्य भी 80,000 करोड़ रुपये रखा है.
  2. सरकार ने 24 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की है,
  3. जिसमें एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश शामिल है.

निधियां जुटाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि 14,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शुरू की गई एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) भारत-22 को सभी खंडों में अधिक अभिदान मिला. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा बैंकों का नई पूंजी उपलब्ध कराने का कार्यक्रम इस वर्ष जारी किए जा रहे 80 हजार करोड़ रुपये के बांडों से शुरू किया गया है. इस नई पूंजी की उपलब्धता से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए पांच लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी उधार देने का मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा कि मजबूत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को बाजार से पूंजी जुटाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है ताकि वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अपनी साख बढ़ा सकें. 

खेतीबाड़ी और ग्रामीण विकास पर जोर: आयकर दरों, स्लैब में बदलाव नहीं
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग सरकार के अपने अंतिम पूर्ण बजट में गुरुवार (1 फरवरी) को एक तरफ खेतीबाड़ी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सूक्ष्म एवं लधु उद्यमों तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खजाना खोल कर आम लोगों को लुभाने का प्रयास किया, वहीं वेतन भोगी लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को कर और निवेश में राहत देने की भी घोषणाएं की. वित्त मंत्री ने हालांकि आयकर दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया पर वेतनभोगियों के लिए 40,000 रुपए वार्षिक की मानक कटौती की जरूर घोषणा की. इससे इस वर्ग के करदाताओं को कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपए का फायदा होने का अनुमान है.
 
लोकसभा में लगातार पांचवां बजट पेश करते हुए जेटली ने सभी कर योग्य आय पर स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया। साथ ही सामाजिक कल्याण योजनाओं के वित्त पोषण के लिये 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण अधिभार का भी प्रस्ताव किया। उन्होंने 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये कंपनी कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने की भी घोषणा की।
 
40,000 रुपये की मानक कटौती 
करीब दो घंटे (110 मिनट) के भाषण में जेटली ने हालांकि आयकर की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये परिवहन एवं चिकित्सा व्यय के बदले 40,000 रुपये की मानक कटौती देने की जरूर घोषणा की। वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये बैंक जमा पर ब्याज से आय की छूट सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया। साथ ही मियादी जमाओं पर स्रोत पर कर कटौती नहीं होगी।
 
पीएम मोदी ने दी बधाई 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं लघु उद्यमों आदि के लिए किए गए प्रावधानों को दूरगामी लाभ वाले कदम बताते हुए इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह ‘आम लोगों के जीवन को और सरल बनाने वाला बजट है।’ उन्होंने कहा कि ‘इससे हमारा भरोसा और बढ़ा है कि अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।’ उन्होंने वित्त मंत्री जेटली और उनकी टीम को इस अच्छे बजट के लिए बधाई दी।
 
आयातित पैनलों, हैंडसेट पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा, टीवी, मोबाइल फोन महंगे होंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली के पेश बजट में सरकार ने स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए आयातित टीवी पैनलों पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से दोगुना कर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. इससे एलसीडी-एलईडी टीवी सेट महंगे हो जाएंगे. इसके अलावा मोबाइल फोन पर भी सीमा शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि एलसीडी-एलईडी-ओएलईडी टीवी के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जा रहा है. इसका मकसद स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है. 
 
जेटली ने कहा, ‘मैं मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं. इसके अलावा मोबाइल फोन के कुछ कलपुर्जों और एक्सेसरीज तथा टीवी के कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं.’ उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों मसलन खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन कलपुर्जे, फुटवियर तथा फर्नीचर जैसे क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर मूल्यवर्धन की काफी गुंजाइश है. जेटली ने कहा कि इन उपायों से देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. 
 

(इनपुट एजेंसी से भी)

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