3 राज्यों की करारी हार के बाद कांग्रेस में हाहाकार, हार के कारण ढूंढने के लिए यूपी में तलाश रही 'जमीन'
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3 राज्यों की करारी हार के बाद कांग्रेस में हाहाकार, हार के कारण ढूंढने के लिए यूपी में तलाश रही 'जमीन'

Election 2023: उत्तर प्रदेश में जल्द ही कांग्रेस चिंतन शिविर करेगी. तीन दिवसीय कार्यक्रम में लोकसभा चुनाव की रणनीति बनेगी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी नई रणनीति के तहत काम करेगी. इसके बाद यह आयोजन चित्रकूट, प्रयागराज अथवा अन्य किसी स्थान पर हो सकता है.

3 राज्यों की करारी हार के बाद कांग्रेस में हाहाकार, हार के कारण ढूंढने के लिए यूपी में तलाश रही 'जमीन'

Vidhansabha Chunav Defeat: हालिया विधानसभा चुनावों में हार से परेशान उत्तर प्रदेश कांग्रेस अलर्ट मोड पर आ गई है. इसी कड़ी में पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए चिंतन शिविर करने जा रही है. यह तीन दिवसीय कार्यक्रम प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा नई रणनीति के तहत आयोजित किया जाएगा. इस शिविर में पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता शामिल होंगे. शिविर में पार्टी की संगठनात्मक मजबूती, चुनावी रणनीति, युवाओं और महिलाओं को पार्टी में शामिल करने के तरीकों पर चर्चा होगी. इसके अलावा, पार्टी के आंतरिक विवादों को सुलझाने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे.

भविष्य के लिए एक रोडमैप
असल में आयोजन के लिए शिविर के लिए जगह की तलाश शुरू कर दी गई है. चित्रकूट, प्रयागराज या अन्य किसी स्थान पर शिविर आयोजित किया जा सकता है. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि शिविर में पार्टी के भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा. पार्टी की संगठनात्मक मजबूती के लिए नए तरीके खोजने होंगे. इसके साथ ही, युवाओं और महिलाओं को पार्टी में शामिल करने के लिए भी प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के आंतरिक विवादों को सुलझाने के लिए भी शिविर में चर्चा की जाएगी. पार्टी को एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा.

चुनौती का सामना करना पड़ेगा
2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. पार्टी को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार करने की जरूरत है. कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक में बूथ प्रबंधन पर भी जोर दिया जाएगा. चिंतन शिविर के जरिए पार्टी हर पदाधिकारी को बदली परिस्थितियों में कांग्रेस की रीति- नीति से वाकिफ कराना चाहती है. साथ ही भविष्य में प्रदेश की सियासत में अपनी भागीदारी बढ़ाने पर भी जोर देगी. 

फिलहाल मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित पांच राज्यों के चुनाव में उम्मीद के मुताबिक फायदा नहीं दिखा है. अब देखना है कि यूपी  में उसे क्या फायदा होने वाला  है. चिंतन शिविर में प्रदेश कार्यकारिणी के साथ ही फ्रंटल संगठनों के अध्यक्षों को शामिल किया जाएगा. पार्टी की एक टीम लखीमपुर, पीलीभीत और चित्रकूट जाकर संभावित स्थलों को देख चुकी है. इसके बाद यह टीम वाराणसी, प्रयागराज और आगरा जाएगी. फिर शिविर स्थल तय करेगी.

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